Land for Job Case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट आज एक ऐसे मामले पर फैसला सुना सकती है, जिसने राष्ट्रीय राजनीति से लेकर बिहार की सियासी जमीन तक हलचल मचा रखी है। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन देने के आरोपों वाले बहुचर्चित ‘लैंड फॉर जॉब’ मामले में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के लिए यह दिन बेहद निर्णायक माना जा रहा है। कोर्ट में आज आरोप तय किए जाने पर अंतिम निर्णय आने की संभावना है, जिसे लेकर पूरे राजनीतिक गलियारों में उत्सुकता बढ़ गई है।
इस मामले की खास बात यह रही कि आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया एक बार नहीं, बल्कि तीन-तीन बार टल चुकी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज 10 दिसंबर की तारीख तय की गई थी। इस दौरान खुलासा हुआ कि केस से जुड़े कई आरोपी अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं, जिसके बाद स्पेशल जज विशाल गोगने ने सीबीआई से मृत आरोपियों की विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। रिपोर्ट के अभाव में दो बार सुनवाई आगे बढ़ गई और मामला लगातार चर्चा में बना रहा।
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यह केस 2022 से लेकर 2024 तक कई मोड़ों से गुजरा है। 7 अक्टूबर 2022 को सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती सहित 16 लोगों पर पहली चार्जशीट दायर की थी। इसके बाद 7 जून 2024 को एक और विस्तृत चार्जशीट आई, जिसमें कुल 78 आरोपियों को नामजद किया गया। इनमें वे 38 लोग भी शामिल हैं, जिन्हें रेलवे में ग्रुप-डी की नौकरी मिली थी। जांच एजेंसी का दावा है कि तब के रेल मंत्री लालू यादव के कार्यकाल में पश्चिम मध्य रेलवे, जबलपुर जोन में नौकरी देने के बदले उम्मीदवारों या उनके परिजनों से जमीन ली गई, जिसका फायदा परिवार या उनके करीबी लोगों को मिला।
कोर्ट की हर सुनवाई के साथ इस केस में सियासी तापमान भी बढ़ता गया है, क्योंकि आरोप सीधे तौर पर बिहार की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक हस्तियों और उनके परिजनों से जुड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट भी 18 जुलाई को इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार कर चुका है, जिससे ट्रायल कोर्ट की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ी। अब जबकि फैसला किसी भी पल आ सकता है, राजनीतिक दलों की नजरें राउज एवेन्यू कोर्ट की ओर टिकी हैं, क्योंकि इसका असर बिहार की राजनीति और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी समीकरणों पर पड़ सकता है।






















