श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को एक तगड़े ऑपरेशन में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के तीन आतंकियों को मार गिराया। यह मुठभेड़ शोपियां के जिनपाथर केलर इलाके में हुई, जिसे ऑपरेशन केलर नाम दिया गया। मारे गए आतंकियों में से दो की पहचान शाहिद कुट्टे और अदनान शफी के रूप में हुई है, जो दोनों शोपियां के ही रहने वाले थे। तीसरे आतंकी की पहचान अभी नहीं हो पाई है।
सुरक्षा बलों को राष्ट्रीय राइफल्स यूनिट से मिली खुफिया जानकारी के आधार पर यह ऑपरेशन शुरू किया गया था। मुठभेड़ के बाद आतंकियों के पास से तीन एके-47 राइफल्स समेत अन्य हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए।
आतंकियों का आपराधिक इतिहास
शाहिद कुट्टे ने 2023 में लश्कर-ए-तैयबा जॉइन किया था और वह कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा। पिछले साल 8 अप्रैल को श्रीनगर के डेनिश रिज़ॉर्ट में हुए हमले में उसकी भूमिका थी, जिसमें दो जर्मन पर्यटक और एक ड्राइवर घायल हो गए थे। इसके अलावा मई 2023 में शोपियां के हीरपोरा में एक बीजेपी सरपंच की हत्या में भी वह शामिल था। दूसरा आतंकी अदनान शफी, जो 2024 में लश्कर में शामिल हुआ था, ने शोपियां के वाची में एक गैर-स्थानीय मजदूर की हत्या की थी।
‘टेरर फ्री कश्मीर’ अभियान और पाहलगाम हमले का कनेक्शन
इस ऑपरेशन के साथ ही शोपियां जिले में ‘टेरर फ्री कश्मीर’ पोस्टर भी लगाए गए हैं, जिसमें तीन पाकिस्तान समर्थित आतंकियों – आदिल हुसैन ठोकर, अली भाई और हाशिम मूसा – की तस्वीरें हैं। ये आतंकी 22 अप्रैल को पाहलगाम में हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं, जिसमें 25 पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की मौत हुई थी। यह हमला कश्मीर घाटी में 2019 के पुलवामा हमले के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला था। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की सहयोगी संगठन द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी।
सुरक्षा एजेंसियों ने इन आतंकियों की जानकारी देने वाले को 20 लाख रुपये के इनाम का ऐलान किया है और सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखने का भरोसा दिया है। वहीं, पाहलगाम हमले के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 25 अप्रैल को ठोकर के बीजबेहरा स्थित घर को आईईडी से उड़ा दिया था।
बताते चले कि पाहलगाम हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारत अब ऐसे हमलों को युद्ध की कार्रवाई मान रहा है, जिससे भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है। लश्कर-ए-तैयबा, जो 2009 में कश्मीर में शांतिपूर्ण समाधान की बात कह चुका था, अब भी अपनी आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।