महाराष्ट्र सरकार ने जबरन धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ मामलों के खिलाफ नए कानून के पहलुओं पर स्टडी करने के लिए राज्य के DGP की अध्यक्षता में सात सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। कमेटी में महिला एवं बाल कल्याण, अल्पसंख्यक मामले, कानून एवं न्यायपालिका, सामाजिक न्याय एवं विशेष सहायता विभागों के सचिव और गृह विभाग के उप सचिव शामिल हैं। इसके मुताबिक, यह जबरन धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ की घटनाओं को रोकने के लिए कानून की सिफारिश करेगी। सत्तारूढ़ महायुति ने पिछले साल भी ‘लव जिहाद’ का मुद्दा उठाया था।
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महाराष्ट्र सरकार द्वारा धर्मांतरण विरोधी कानून लाने पर समाजवादी पार्टी नेता और महाराष्ट्र विधायक अबू आजमी ने कहा उनका एकमात्र ध्यान इस बात पर है कि मुसलमानों को कैसे परेशान किया जाए। सांप्रदायिकता अपने चरम पर है। उन्हें जो करना है करने दें। कई मुस्लिम महिलाएं भी हिंदू धर्म अपना रही हैं। संविधान ने कुछ अधिकार दिए हैं। वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव के आवास के बाहर बैरिकेडिंग पर कहा कि वे सपा की ताकत जानते हैं। अगर हम सड़क पर आएंगे तो इनको नानी याद दिला देंगे।
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वहीं कांग्रेस नेता हुसैन दलवई कहते हैं, “लव जिहाद जैसा कुछ होता ही नहीं है। लोकतंत्र में कोई भी धर्म फॉलो कर सकते हैं। हमारा देश सेक्लुयर है, ये लोग देश के फैब्रिक और कल्चर को बिगाड़ना चाहते हैं। ये लोग बताएं कि देश में लव जिहाद के कितने मामले दिखे। ये लोग देश में हिटलर कल्चर लाना चाहते हैं।