24 फरवरी (शनिवार) को माघ शुक्ल पूर्णिमा के अवसर पर सनातन धर्मावलंबी गंगा नदी में स्नान करने उमड़ेंगे। माघ मास को पुण्यकारी मास माना जाता है, इसलिए श्रद्धालु पूरे मास कल्पवास भी करते हैं। इस दिन गंगा स्नान, विष्णु की पूजा और दान-पुण्य करने से अनंत पुण्य का लाभ मिलता है। शास्त्रों में इस तिथि को अमृत तिथि कहा गया है।
पद्म योग: 24 फरवरी को सुबह 8:43 बजे से लेकर अगले दिन 25 फरवरी को सुबह 6:07 बजे तक पद्म योग रहेगा। इस योग में किए गए कार्यों में सफलता मिलने की संभावना अधिक होती है।
गंगा स्नान का महत्व: माघ शुक्ल पूर्णिमा को गंगा स्नान करने का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति के सभी पापों का नाश होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
विष्णु पूजा: माघ शुक्ल पूर्णिमा को भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति को सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
दान-पुण्य: माघ शुक्ल पूर्णिमा को दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। इस दिन दान-पुण्य करने से व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है और उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
गंगा स्नान के दौरान इन बातों का रखें ध्यान
- गंगा स्नान करते समय स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।
- गंगा नदी में कूड़ा-कचरा न डालें।
- गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य करें।
- गंगा स्नान करते समय भगवान विष्णु का ध्यान करें।
शनि जयंती भी मनाई जाएगी
24 फरवरी को शनिवार होने के कारण शनि जयंती भी मनाई जाएगी। इस दिन शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को शनि की साढ़े साती और ढैय्या से मुक्ति मिलने की संभावना होती है।