वास्तु शास्त्र में घर के प्रवेश द्वार को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करने का मार्ग होता है। इसलिए घर के प्रवेश द्वार पर पायदान रखना आवश्यक होता है। पायदान जूते-चप्पलों की गंदगी को घर में आने से रोकता है और साथ ही घर की सुंदरता भी बढ़ाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, पायदान का रंग और आकार घर में आने वाली ऊर्जा को प्रभावित करते हैं। इसलिए घर के प्रवेश द्वार पर पायदान चुनते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
पायदान का रंग
पायदान का रंग प्रवेश द्वार की दिशा पर निर्भर करता है।
- पूर्व दिशा में प्रवेश द्वार होने पर सफेद, पीला या क्रीम रंग का पायदान रखें।
- पश्चिम दिशा में प्रवेश द्वार होने पर नीला, सफेद या हरा रंग का पायदान रखें।
- उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार होने पर हरा, सफेद, पीला या क्रीम रंग का पायदान रखें।
- दक्षिण दिशा में प्रवेश द्वार होने पर गुलाबी, लाल, सफेद या हरा रंग का पायदान रखें।
पायदान का आकार
पायदान का आकार आयताकार होना चाहिए। आयताकार आकार का पायदान घर में सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
पायदान की स्थिति
पायदान को प्रवेश द्वार के ठीक सामने रखें। पायदान को प्रवेश द्वार से कम से कम 6 इंच दूर रखें।
पायदान की साफ-सफाई
पायदान को हमेशा साफ रखें। पायदान पर गंदगी होने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो सकता है।
इन बातों का ध्यान रखकर आप अपने घर के प्रवेश द्वार पर सही रंग और आकार का पायदान रख सकते हैं। इससे आपके घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आएगी।