महाशिवरात्रि इस वर्ष 8 मार्च 2024 को मनायी जाएगी। यह तिथि चतुर्दशी तिथि है, जो कि निशिता काल पूजा के लिए आवश्यक है। निशिता काल रात्रि का आठवां काल है, और इस वर्ष यह 9:58 बजे से 12:31 मिनट तक रहेगा।
महाशिवरात्रि का महत्व:
- फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
- इस दिन शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है।
- शिव योग, सर्वार्थसिद्धि योग और चतुर्ग्रही योग का भी संयोग बन रहा है, जो 300 साल में एक बार बनता है।
- भगवान शिव की पूजा में यह दुर्लभ योग शीघ्र फल वाला बताया गया है।
- इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पूजा विधि:
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- नर्मदेश्वर शिवलिंग, स्फटिक शिवलिंग, पार्थिव शिवलिंग की विधि-विधान से पूजा होगी।
- मंदिरों में पूरे दिन जलाभिषेक, रुद्राभिषेक के बाद संध्या बेला में शिव शृंगार किया जायेगा।
विशेष योग:
- 8 मार्च को शिव योग, सर्वार्थसिद्धि योग और चतुर्ग्रही योग का संयोग बन रहा है।
- इस दिन कुंभ राशि पर शनि मूल त्रिकोण में बैठे हैं।
- इसके साथ सूर्य, चंद्रमा और शुक्र भी हैं।
- इससे चतुर्ग्रही योग बन रहा है।
- महाशिवरात्रि के दिन शुक्र प्रदोष व्रत भी है।
- यह अद्भुत संयोग विशेष फलोदय है।
- इस दिन भगवान शिव की पूजा से कई गुना फल मिलते हैं।
शिव बारात:
- फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी के बाद चतुर्दशी में महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की बारात शिव योग में निकाली जायेगी।
- इस मौके पर शहर के विभिन्न जगहों से शिव की झांकी निकलेगी।
- इसमें शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी तथा गण का वेशधारण कर शिव भक्त शामिल होंगे।
- इसी योग में उमा-महेश्वर की शादी होगी।