वास्तु शास्त्र में घर के मुख्य द्वार पर लगाई गई नेम प्लेट को महत्वपूर्ण माना जाता है। यह न केवल घर का पता बताती है, बल्कि घर के वातावरण पर भी प्रभाव डालती है। वास्तु के अनुसार, नेम प्लेट की दिशा और रंग का चुनाव करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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नेम प्लेट की दिशा:
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- नेम प्लेट को मुख्य द्वार के दाईं ओर लगाना सबसे शुभ माना जाता है।
- यदि मुख्य द्वार पूर्व या उत्तर दिशा में है, तो नेम प्लेट को लकड़ी या पीतल का बनाना चाहिए।
- यदि मुख्य द्वार पश्चिम या दक्षिण दिशा में है, तो नेम प्लेट को लोहे या एल्युमिनियम का बनाना चाहिए।
नेम प्लेट का रंग:
- नेम प्लेट का रंग घर के मालिक के जन्म राशि के अनुसार होना चाहिए।
- मेष, सिंह, धनु और मकर राशि वालों के लिए लाल, नारंगी, या सुनहरा रंग शुभ होता है।
- वृषभ, कन्या, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए हरा, सफेद, या क्रीम रंग शुभ होता है।
- मिथुन, तुला, और कुंभ राशि वालों के लिए नीला, हरा, या सफेद रंग शुभ होता है।
- कर्क, वृश्चिक, और मीन राशि वालों के लिए सफेद, चांदी, या गुलाबी रंग शुभ होता है।
नेम प्लेट का आकार:
- नेम प्लेट का आकार आयताकार या वर्गाकार होना चाहिए।
- नेम प्लेट पर लिखे गए अक्षर स्पष्ट और पढ़ने में आसान होने चाहिए।
- नेम प्लेट को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए।
नेम प्लेट के लिए कुछ अन्य वास्तु टिप्स:
- नेम प्लेट को मुख्य द्वार से थोड़ा ऊंचा लगाना चाहिए।
- नेम प्लेट पर घर का नंबर और नाम स्पष्ट रूप से लिखा होना चाहिए।
- नेम प्लेट पर कोई देवी-देवता की तस्वीर नहीं लगानी चाहिए।
- टूटी हुई या खराब नेम प्लेट को तुरंत बदल देना चाहिए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के मुख्य द्वार पर लगाई गई नेम प्लेट घर के वातावरण पर सकारात्मक या नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए, नेम प्लेट की दिशा, रंग, और आकार का चुनाव करते समय वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना महत्वपूर्ण है।