रांची: झारखंड में एक सनसनीखेज घटनाक्रम ने सबको हिलाकर रख दिया! IAS विनय चौबे, जो कभी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबी और उत्पाद विभाग के सचिव रहे, अब शराब घोटाले के दलदल में फंस गए हैं। झारखंड एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) ने उन्हें और उनके साथी गजेंद्र सिंह को हथकड़ी लगाकर गिरफ्तार किया। 6 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद ACB की विशेष अदालत ने दोनों को 3 जून 2025 तक के लिए जेल की सलाखों के पीछे भेज दिया।
शराब घोटाले का काला सच!
यह घोटाला 2019-2022 के बीच का है, जब छत्तीसगढ़ का एक शातिर शराब सिंडिकेट झारखंड में हावी हो गया। इस सनसनीखेज मामले में फर्जी होलोग्राम, अवैध शराब की सप्लाई और करोड़ों रुपये की हेराफेरी का खेल खेला गया। 2022 में लागू नई उत्पाद नीति को इस सिंडिकेट ने अपने फायदे के लिए तोड़-मरोड़ दिया। टेंडर से लेकर होलोग्राम तक, सब कुछ छत्तीसगढ़ की कंपनियों जैसे प्रिज्म, सुमित फसिलिटी, और ओमसाई के हवाले कर दिया गया। नतीजा? झारखंड के देसी शराब बॉटलिंग प्लांट बंद हो गए, और छत्तीसगढ़ का बासी स्टॉक यहां बेचकर मोटा मुनाफा कमा लिया गया। राज्य को राजस्व में भारी नुकसान हुआ, जबकि सिंडिकेट के मालिकों की जेबें भरती रहीं।
ED ने खोली पोल, ACB ने कसा शिकंजा
छत्तीसगढ़ में ED ने इस घोटाले की परतें खोलते हुए IAS विनय चौबे सहित कई बड़े नामों को कठघरे में खड़ा किया। अक्टूबर 2024 में रांची और अन्य जगहों पर छापेमारी के बाद अब ACB ने विनय चौबे को दबोच लिया। सूत्रों की मानें, तो चौबे ने पूछताछ में खुद को बेकसूर बताया, लेकिन सबूत उनके खिलाफ साफ चीख रहे हैं। इस घोटाले में अनिल तुतेजा, AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर जैसे बड़े नाम पहले ही फंस चुके हैं।
झारखंड की जनता में गुस्सा, सवालों की बौछार!
इस घोटाले ने झारखंड की जनता को गुस्से से भर दिया है। लोग सड़कों पर सवाल उठा रहे हैं—आखिर इतना बड़ा भ्रष्टाचार सरकार की नाक के नीचे कैसे हुआ? स्थानीय शराब कंपनियों का आरोप है कि उन्हें जानबूझकर परेशान किया गया, ताकि छत्तीसगढ़ का सिंडिकेट बाजी मार सके। राजस्व परिषद के सदस्य अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने तो उस वक्त ही नई नीति पर सवाल उठाए थे, लेकिन उनकी बात को अनसुना कर दिया गया।
विनय चौबे और गजेंद्र सिंह अब 3 जून तक जेल में रहेंगे। लेकिन असली सवाल यह है कि क्या इस घोटाले की आग और बड़े नामों तक पहुंचेगी? ED और ACB की जांच अब और तेज हो गई है। आने वाले दिनों में और सनसनीखेज खुलासे होने की पूरी संभावना है। क्या झारखंड सरकार इस मामले पर चुप्पी तोड़ेगी, या यह घोटाला और गहरा होगा? जनता की नजरें इस मामले पर टिकी हैं, और हम आपके लिए हर अपडेट लाते रहेंगे!