बिहार में शराबबंदी करना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गले का फांस बन गया है। शराबबंदी हुए लगभग 6 साल हो गए हैं, फिर भी आयदिन शराब को फिर से चालू करने को लेकर नई-नई दलीलें सुनने को मिल ही जाती है। विपक्ष तो विपक्ष, सरकार में शामिल लोग भी नीतीश कुमार के इस फैसले को गलत बताते नजर आ रहे हैं। शराबबंदी के बाद जहरीली शराब से होने वाली मौत और बिहार में बढ़ती शराब तस्करी पहले से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के टेंशन की वजह बनी हुई है। उस पर सरकार में शामिल नेताओं द्वारा शराबबंदी को गलत बताया जाना आग में घी का काम कर रहा है। ऐसा ही एक बयान अब कांग्रेस की तरफ से भी समाने आया हैं।
शराबबंदी से हो रहा करोड़ो का नुकसान- अजित शर्मा
वैसे तो बिहार की महागठबंधन सरकार में शामिल अलग-अलग दल के कई नेता शराबबंदी के खिलाफ अपनी थ्योरी देते रहते हैं। इसमें सबसे आगे हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी हैं। वही खुद जेडीयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा भी शराबबंदी को फेल बता चुके हैं। अब इस कड़ी में नया नाम कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजित शर्मा का जुड़ गया है। अजीत शर्मा ने कहा कि बिहार में शराबबंदी कानून लागू है। फिर भी बिहार में पूर्ण रूप से शराबंदी नहीं है।
उन्होंने कहा कि कानून तो सही है पर इसका अनुपालन सही तरीके से नहीं हो रहा है। शराबबंदी कानून लागु होने के बावजूद भी बिहार में आसानी से सभी जगहों पर शराब मिल रही है। इसके खिलाफ या तो कार्रवाई होनी चाहिए या फिर शराबबंदी कानून को खत्म कर देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि शराबबंदी के कारण बिहार को दस हजार करोड़ रुपए का राजस्व घटा हो रहा है।