लोकसभा (Lok Sabha) का बुधवार का सत्र एक बार फिर विवाद और हंगामे से भर गया। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन अहम विधेयकों ने जहां संसद में हलचल मचा दी, वहीं इस दौरान एक और बड़ा विवाद सामने आ गया। तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद मिताली बाग ने केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू और भाजपा सांसद रवनीत सिंह बिट्टू पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि लोकसभा के अंदर उन्हें मारा-पीटा गया और धक्का दिया गया।
मिताली बाग ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जब विपक्ष बिल का विरोध कर रहा था, उसी वक्त रिजिजू और बिट्टू ने उन्हें धक्का दिया और हमला किया। उनके मुताबिक, “किरण रिजिजू ने मुझे मारा, बिट्टू जी ने भी धक्का दिया। मैं घायल हो गई हूं। यह संसद के लिए शर्म की बात है कि महिला सांसदों के साथ इस तरह का व्यवहार हो रहा है।” उन्होंने इसे लोकतंत्र और महिला सम्मान दोनों पर हमला करार दिया।
दरअसल, हंगामा उस समय शुरू हुआ जब गृह मंत्री अमित शाह ने संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक पेश किया। इसमें सबसे बड़ा प्रावधान यह है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या कोई मंत्री गंभीर अपराध के मामले में 30 दिन से ज्यादा जेल में रहता है तो उसे पद से हटाया जा सकेगा।
विपक्षी दलों का कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और इसका इस्तेमाल राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए किया जाएगा। कांग्रेस और अन्य दलों के सांसदों ने नारेबाजी करते हुए बिल की प्रतियां फाड़ दीं और गृह मंत्री अमित शाह की ओर फेंक दीं। स्थिति इतनी बिगड़ी कि लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
विपक्ष के आरोपों के बीच सत्ता पक्ष ने इस विधेयक को “लोकतांत्रिक सुधार” बताया। भाजपा नेताओं का कहना है कि जेल में बैठे मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री सत्ता का संचालन नहीं कर सकते और यह संशोधन संविधान की भावना के अनुरूप है। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार इस कानून के जरिए विरोधी नेताओं को चुनावी राजनीति से बाहर करना चाहती है।




















