लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सीतामढ़ी लोकसभा सीट (Sitamarhi Loksabha Seat) के लिए भी मतदान हो रहा है। राम रथ पर सवार सीतामढ़ी लोकसभा का चुनाव काफी रोचक हो गया है। अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद सीतामढ़ी में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित मां सीता के पुनौरा धाम भव्य मंदिर का मुद्दा गरमाया हुआ है। हालांकि सीट शेयरिंग में यह सीट जदयू के खाते में गई। जदयू भले लोकसभा चुनाव 2024 में नए योद्धा देवेश चंद्र ठाकुर के साथ उतरी है, पर राजद अपने पुराने रंग के साथ चुनावी मैदान में डटा है और पूर्व मंत्री अर्जुन राय को सीतामढ़ी का कमान सौंप दी है।
मुकेश सहनी ने दी पीएम को चुनौती, कहा- ये करके दिखाए फिर मान लेंगे सीना 56 इंच का है
सीतामढ़ी लोकसभा सीट पर 14 उम्मीदवार हैं। लेकिन मुख्य मुकाबला बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर और राजद के अर्जुन राय के बीच है। राम मंदिर की तरह ही जानकी धाम का निर्माण यहां भावनात्मक मुद्दा बन गया है। यही कारण है कि देवेश ठाकुर और अर्जुन राय दोनों ही जानकी धाम का विकास कराने का वचन दे रहे हैं। अर्जुन राय अपने पांच साल के कार्यकाल और सीतामढ़ी की पहचान को जीत का मंत्र बनाये हैं, तो जदयू मोदी- नीतीश सरकार के काम के बल पर डटे हैं। जदयू ने मौजूदा सांसद सुनील कुमार पिंटू का टिकट काटकर देवेश ठाकुर को मैदान में उतारा है. देवेश ठाकुर पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। अर्जुन राय ने 2009 में जेडीयू के टिकट पर यह सीट जीती थी, लेकिन 2014 में हार गये। 2019 में वह राजद में शामिल हो गए। लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन फिर से हार गए।
सीतामढ़ी का जातीय समीकरण
अगर जातीय समीकरण की बात करें तो सीतामढ़ी एक वैश्य बहुल क्षेत्र है। यहां वैश्य के लगभग 5 लाख मतदाता हैं। दूसरे नंबर पर अतिपिछड़ा का वोट है जो लगभग पौने तीन लाख है। यादव और मुस्लिम का चुनावी गणित भी काफी मजबूत है। यहां मुस्लिम मतदाता 2.5 लाख तो यादव मतदाता लगभग 2 लाख है। सवर्ण के भी मतदाता की संख्या लगभग ढाई लाख है। कोयरी-कुर्मी भी 1.5 लाख है। दलित वोटरों की संख्या 2 लाख के आसपास है।
सीतामढ़ी पर एनडीए का दबदबा
विधानसभा वार देखें तो सीतामढ़ी में एनडीए का पलड़ा भारी है। सीतामढ़ी लोकसभा के छह विधानसभा में पांच पर एनडीए की जीत हुई है। सीतामढ़ी लोकसभा के अंदर कुल 6 विधानसभा की सीटें आती हैं। इनमें सीतामढ़ी, बथनाहा, परिहार, सुरसंड, बाजपट्टी और रूनी सैदपुर शामिल हैं। इनमें भाजपा के पास तीन, जनता दल (यूनाइटेड) के पास दो तथा राजद के पास एक सीट है।
भाजपा के कार्यकर्ता परमाणु बम से नहीं डरते, POK हमारा है; बेतिया में अमित शाह का संबोधन
वहीं लोकसभा में भी सीतामढ़ी में एनडीए का दबदबा रहा है। यहां से लगातार तीन बार एनडीए उम्मीदवार को जीत मिल चुकी है। पहली बार जेडीयू लोकसभा चुनाव 1999 सीतामढ़ी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि 2004 में यहां एनडीए की हार हुई लेकिन उसके बाद से एनडीए ही जीतती आई है। 2024 लोकसभा चुनाव राजद के अर्जुन राय और जदयू के देवेश चंद्र ठाकुर के आने से रोचक हो गया है। ये दोनों ही अपने आधार वोट की सुरक्षा और एक दूसरे के वोट बैंक में सेंधमारी की ताक में लगे हैं। अब यह देखना है कि चुनावी परिणाम पहले की तरह होता है या इस बार सीधी लड़ाई में राजद बाजी मार लेता है।