लंदन : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को लंदन में ब्रिटेन के एक प्रमुख थिंक टैंक के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की। यह बैठक भारत और ब्रिटेन के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करने और हाल के घटनाक्रमों, खासकर आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के उद्देश्य से आयोजित की गई।
इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, राज्यसभा सांसद गुलाम अली खटाना, अमर सिंह, समिक भट्टाचार्य, एम थंबीदुरई, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एमजे अकबर और राजदूत पंकज सरन शामिल थे। बैठक के दौरान भारत ने आतंकवाद के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया, जो हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और भी प्रासंगिक हो गया है। अप्रैल 2025 में पहलगाम में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे।
लंदन में आयोजित इस बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स के स्पीकर लिंडसे होयल, यूके फॉरेन ऑफिस की इंडो-पैसिफिक मंत्री कैथरीन वेस्ट, अन्य सांसदों, थिंक टैंक्स और भारतीय डायस्पोरा के प्रतिनिधियों के साथ भी मुलाकात की योजना बनाई है।
यह दौरा भारत की उस व्यापक कूटनीतिक पहल का हिस्सा है, जिसमें सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 33 वैश्विक राजधानियों का दौरा कर रहे हैं, ताकि पाकिस्तान के आतंकवाद समर्थन और भारत की प्रतिक्रिया को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने रखा जा सके।
भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा, “रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल आज शाम लंदन पहुंचा, जहां उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी ने उनका स्वागत किया।” यह तीन दिवसीय यात्रा भारत-ब्रिटेन संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है, खासकर जब दोनों देश एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं।
चैथम हाउस की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 42.6 बिलियन पाउंड तक पहुंच गया था, और इस समझौते से आर्थिक संबंधों के साथ-साथ रणनीतिक साझेदारी को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
यह बैठक एक ऐतिहासिक ब्रिटिश सरकारी भवन में आयोजित की गई, जिसके भव्य सजावट और औपचारिक माहौल ने इस चर्चा के महत्व को और रेखांकित किया। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने न केवल आतंकवाद के मुद्दे पर भारत का पक्ष रखा, बल्कि ब्रिटेन में बसे भारतीय समुदाय के साथ भी संवाद करने की योजना बनाई है, ताकि आपसी सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत किया जा सके।