बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच सारण जिले के मढ़ौरा विधानसभा क्षेत्र से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की उम्मीदवार रहीं भोजपुरी अभिनेत्री सीमा सिंह का नामांकन रद्द होने के बाद राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई थीं। कुछ ने इसे एनडीए की आंतरिक कलह का संकेत माना, तो कुछ ने तकनीकी खामियों को जिम्मेदार ठहराया। बिहार चुनाव के पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया के अंतिम दिन (18 अक्टूबर) मढ़ौरा से नामांकन दाखिल करने वाली सीमा सिंह का फॉर्म बी में तकनीकी गड़बड़ी पाए जाने के कारण नामांकन रद्द कर दिया गया था। निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ निधि राज ने बताया कि दस्तावेजों की जांच के दौरान कुछ खामियां सामने आईं, जिन्हें सुधारने का मौका नहीं मिल सका। इसके अलावा, बसपा के आदित्य कुमार, निर्दलीय अल्ताफ आलम राजू (जदयू के पूर्व जिलाध्यक्ष) और विशाल कुमार के नामांकन भी रद्द हो गए।
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सोमवार को छपरा सदर अस्पताल में गैस सिलेंडर हादसे में घायल मढ़ौरा क्षेत्र के मरीजों से मिलने पहुंचीं सीमा सिंह ने पहली बार सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी। अस्पताल में पीड़ितों का हालचाल लेने के बाद जब पत्रकारों ने उनसे नामांकन रद्द होने को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने संयमित और स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा, “मैं इस विषय पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं करना चाहती। मुझे भारत के चुनाव आयोग और अपने शीर्ष नेतृत्व पर पूरा भरोसा है। जो भी निर्णय होगा, वह न्यायपूर्ण और संविधान सम्मत होगा।”
सीमा सिंह ने यह भी खुलासा किया कि नामांकन रद्द होने के बाद कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने उनसे संपर्क किया, लेकिन उन्होंने किसी भी पेशकश को स्वीकार नहीं किया। उन्होंने दो टूक कहा, “मेरे नेता चिराग पासवान हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के हनुमान हैं। जब मेरे पास ऐसा नेतृत्व है, तो मुझे किसी और जगह जाने की जरूरत ही नहीं है। मैं लोजपा (रामविलास) में थी, हूं और रहूंगी।”






















