महाकुंभ 2025 में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ, जब श्रद्धालुओं की संख्या 50 करोड़ के पार पहुंच गई। यह आंकड़ा तब सामने आया, जब महज 33 दिन ही बीते थे, जबकि आयोजन 45 दिन का है। इस अभूतपूर्व भीड़ को देखते हुए हर दिन नए रिकॉर्ड बनने की संभावना प्रबल हो गई है। शुक्रवार को भी एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए संगम पहुंचे। शाम 6 बजे तक गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में 92.84 लाख श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई।
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हर दिन कुंभ स्नान जैसा माहौल
स्नान पर्वों के इतर आम दिनों में भी कुंभ नगरी में जबरदस्त भीड़ उमड़ रही है। संगम तट पर श्रद्धालुओं का रेला ऐसा उमड़ रहा है मानो हर दिन कोई बड़ा पर्व हो। सिर पर गठरियां रखे लोग, कंधों पर सामान लादे भक्तजन, हर दिशा से मीलों पैदल चलकर आस्था की डुबकी लगाने संगम की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।
शुक्रवार को स्थिति इतनी विकट हो गई कि मेला प्रशासन और पुलिस को जोनल प्लान लागू करना पड़ा। कई बार बैरिकेडिंग कर संगम क्षेत्र को खाली कराने की कोशिशें भी की गईं। हालांकि, यह भीड़ किसी विशेष पर्व के कारण नहीं थी, बल्कि बड़ी संख्या में श्रद्धालु त्रिजटा स्नान के विश्वास के साथ संगम पहुंचे थे। मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से एक महीने के कल्पवास के बराबर पुण्य मिलता है। हालांकि, तीर्थ पुरोहितों के अनुसार, त्रिजटा स्नान शनिवार को होना था, लेकिन शुक्रवार को ही लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगा ली।
भारी भीड़ के दबाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने लाल सड़क स्थित मेला प्राधिकरण कार्यालय के सामने बैरिकेडिंग लगाकर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की। श्रद्धालुओं को अलग-अलग सड़कों पर भेजा गया, ताकि संगम तक पहुंचने वाले मार्गों पर अनियंत्रित भीड़ से बचा जा सके।
झूंसी की ओर से आने वाले पांटून पुल नंबर नौ पर शुक्रवार को स्थिति बेकाबू हो गई। सुबह 11 बजे से 12:30 बजे तक पूरा पुल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था। हालत यह थी कि लोग एक कदम भी आगे बढ़ाने में असमर्थ थे। पुल पर से उतरने की कोशिश में श्रद्धालुओं का रेला रुक जाता, जिससे पीछे से दबाव और बढ़ता चला गया। स्थिति तब सामान्य हुई जब 1 बजे के बाद भीड़ धीरे-धीरे आगे बढ़ी।
50 करोड़ श्रद्धालुओं की संख्या ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड
महाकुंभ 2025 में अब तक स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या इतनी अधिक हो चुकी है कि यह दुनिया के कई देशों की कुल जनसंख्या से भी अधिक हो गई है। केवल भारत (141.93 करोड़) और चीन (140.71 करोड़) ही ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या इस संख्या से अधिक है।
अन्य प्रमुख देशों की आबादी:
- अमेरिका (34.20 करोड़)
- इंडोनेशिया (28.35 करोड़)
- पाकिस्तान (25.70 करोड़)
- नाइजीरिया (24.27 करोड़)
- ब्राजील (22.13 करोड़)
- बांग्लादेश (17.01 करोड़)
- रूस (14.01 करोड़)
- मेक्सिको (13.17 करोड़)