बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी के बीच महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे (Mahagathbandhan Seat Sharing Bihar 2025) को लेकर सियासी रस्साकशी चरम पर है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, वामदलों और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के बीच अब तक सहमति नहीं बन सकी है। वहीं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर भी गठबंधन के भीतर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पर्यवेक्षक भूपेश बघेल ने इस पर कहा कि “महागठबंधन के घटक दल मिलकर यह तय करेंगे कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन होगा।” हालांकि अंदरखाने की खबर है कि कांग्रेस इस मामले में अब इंतजार के मूड में नहीं है और उसने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट लगभग तैयार कर ली है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने 13 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को लगभग फाइनल कर लिया है। इनमें कई दिग्गज नाम और मौजूदा विधायक शामिल हैं। पार्टी की रणनीति साफ दिख रही है — अगर राजद के साथ सीटों को लेकर सहमति नहीं बनती है, तो कांग्रेस अकेले चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रही है।
‘हर घर नौकरी’ पर JDU का पलटवार.. अशोक चौधरी बोले- तेजस्वी का चुनावी बुलबुला
दूसरी ओर, लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव भी सीट बंटवारे की चुनौती में फंसे हैं। मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी और वामपंथी दल सीपीआई-माले दोनों ही अपनी सीटों की डिमांड पर अड़े हुए हैं। ऐसे में अब झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की एंट्री ने समीकरण और उलझा दिए हैं। JMM ने बिहार में 12 सीटों की मांग की है। पार्टी के महासचिव विनोद पांडेय ने रांची में कहा है कि एक-दो दिन में फैसला हो जाएगा।
इसी बीच, माकपा के महासचिव एम. ए. बेबी ने गुरुवार को तेजस्वी यादव से उनके आवास पर मुलाकात की। बैठक में आगामी चुनावी रणनीति, सीट समन्वय और गठबंधन की एकता पर चर्चा हुई। माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य विजय राघवन और अशोक धवले भी इस बैठक में मौजूद रहे। यह मुलाकात स्पष्ट संकेत देती है कि वामपंथी दलों की भूमिका महागठबंधन के भीतर सिर्फ समर्थन तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि वे अपने हिस्से की सीटों को लेकर निर्णायक रुख अपनाएंगे।






















