बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election 2025) की राजनीतिक तस्वीर अब और स्पष्ट होती जा रही है। एक ओर जहां एनडीए में सीट बंटवारे का फार्मूला तय हो चुका है, वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन (RJD, कांग्रेस और वीआईपी) में अब भी असमंजस और खींचतान का माहौल बना हुआ है। एनडीए के फॉर्मूले के बाद अब सबकी निगाहें महागठबंधन की दिल्ली बैठक पर टिक गई हैं, जहां सीट शेयरिंग पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है।
दरअसल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और वरिष्ठ नेता शकील अहमद दिल्ली रवाना हो गए हैं। रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर मीडिया से बात करते हुए प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि “एनडीए का सीट शेयरिंग हो गया है, हम लोग भी अब अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। कल हमारी बैठक के बाद महागठबंधन की सीटों की घोषणा हो जाएगी।” उन्होंने बताया कि दिल्ली में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ संयुक्त बैठक होगी, जिसमें सीटों के अंतिम फॉर्मूले पर सहमति बनेगी।
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राजेश राम ने मुकेश सहनी की नाराजगी पर सवाल पूछे जाने पर कहा कि “मैं उस विषय पर अभी कुछ नहीं कह सकता। दिल्ली जाकर उनसे बात करूंगा और फिर स्थिति स्पष्ट होगी।” इस बयान से साफ है कि महागठबंधन के अंदर कई स्तरों पर असंतोष और बातचीत की स्थिति बनी हुई है। राजद और कांग्रेस के बीच सीटों की संख्या को लेकर लंबे समय से खींचतान चल रही है। राजद बड़ी पार्टी होने के नाते बहुमत सीटें चाहती है, जबकि कांग्रेस अपने पारंपरिक गढ़ों पर दावा ठोक रही है। वहीं मुकेश सहनी की वीआईपी पार्टी भी अपने प्रभाव वाले इलाकों में पर्याप्त सीटों की मांग पर अड़ी हुई है।
इधर एनडीए खेमे में सीट बंटवारे का समीकरण साफ हो गया है। बीजेपी और जेडीयू दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 29 सीटें, जबकि जीतन राम मांझी की हम पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6-6 सीटें दी गई हैं। यह स्पष्टता एनडीए को रणनीतिक बढ़त देती दिख रही है, जबकि महागठबंधन के भीतर अभी भी सीट शेयरिंग पर असहमति की स्थिति बनी हुई है।





















