महाराष्ट्र में इन दिनों मुगल सम्राट औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद फिर से उभर चुका है। इस विवाद ने हाल ही में नागपुर में हिंसा को भी जन्म दिया था। हालांकि, इस बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार (Ajit Pawar) ने एक इफ्तार पार्टी के दौरान मुसलमानों के खिलाफ धमकी देने वाली किसी भी कोशिश को नकारते हुए बड़ा बयान दिया।
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मुंबई के मरीन लाइन्स स्थित एक इफ्तार पार्टी में बोलते हुए अजित पवार ने कहा, “भारत विविधता में एकता का प्रतीक है। हमें किसी भी विभाजनकारी ताकतों के जाल में नहीं फंसना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि रमजान का महीना सिर्फ एक धर्म से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह मानवता, त्याग और आत्म-अनुशासन का प्रतीक है। पवार ने यह भी कहा कि रमजान हमें जरूरतमंदों की पीड़ा को समझने और हमारी आत्मा को शुद्ध करने के लिए प्रेरित करता है।
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मुख्यमंत्री पवार ने कहा, “हमने अभी होली मनाई, गुड़ी पड़वा मनाया और अब ईद आ रही है। इन सभी त्योहारों से हमें एकता का संदेश मिलता है। हमें इन्हें एक साथ मनाना चाहिए क्योंकि यही हमारी असली ताकत है।” उन्होंने मुसलमानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपका भाई अजित पवार हमेशा आपके साथ है।”

अजित पवार ने हिंसा और विघटन की कोशिश करने वालों को चेतावनी देते हुए कहा, “जो कोई भी हमारे मुस्लिम भाइयों और बहनों को परेशान करेगा, या दो गुटों के बीच झगड़ा कराएगा और शांति को भंग करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। उसे माफ नहीं किया जाएगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी ऐसा व्यक्ति, चाहे वह कोई भी हो, कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा, तो उसे सख्त सजा दी जाएगी।

इस बयान के बाद से अजित पवार ने यह संदेश दिया है कि महाराष्ट्र में शांति और सद्भाव बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता मजबूत है। यह बयान उस समय आया है जब ‘छावा’ फिल्म के रिलीज के बाद महाराष्ट्र में औरंगजेब को लेकर विरोध तेज हो गया है। हिंदू संगठनों ने औरंगजेब की कब्र को गिराने की मांग उठाई है, जबकि ‘छावा’ फिल्म ने छत्रपति संभाजी महाराज की शहादत को एक नया आयाम दिया है और महाराष्ट्र में औरंगजेब के खिलाफ विरोध को और मजबूत किया है।