नई दिल्ली : सोशल मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें भयानक आग लगी हुई दिखाई दे रही है। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो इजरायल का है, जहां ईरानी हमले के बाद एक इजरायली नागरिक हवा में उड़ गया। हालांकि, पड़ताल में यह खुलासा हुआ है कि यह वीडियो मलेशिया की एक फैक्ट्री में लगी आग का है, जो अप्रैल 2025 में हुई थी, और इसका ईरान-इजरायल संघर्ष से कोई संबंध नहीं है।
वायरल दावे की सच्चाई
सोशल मीडिया पर यूजर्स इस वीडियो को शेयर करते हुए लिख रहे हैं, “ईरानी मिसाइल हमले के परिणाम, जैसे ही मिसाइल गिरी इजरायली नागरिक हवा में उड़ गया।” यह दावा 13 जून 2025 से शुरू हुए ईरान-इजरायल तनाव के बीच फैलाया जा रहा है, जब ईरान ने कथित तौर पर तेल-अविव पर मिसाइल हमला किया था। लेकिन एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय मीडिया हाउस की फैक्ट चेक टीम ने पाया कि यह वीडियो उस घटना से मेल नहीं खाता।
कैसे हुई पड़ताल?
- रिवर्स इमेज सर्च: वीडियो के कीफ्रेम्स की जांच करने पर यह मई 2025 के कई पोस्ट्स में मिला, जो साबित करता है कि यह हाल के ईरान-इजरायल टकराव से पहले का है।
- स्थान की पुष्टि: टिकटॉक पर 25 अप्रैल 2025 के एक पोस्ट में इस वीडियो को मलेशिया के जोहोर प्रांत में सेनाई अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास एक पेंट फैक्ट्री की आग से जोड़ा गया। गूगल स्ट्रीट व्यू और स्थानीय खबरों की मदद से इसे कुलई जिले के तमन देसा इदामन इलाके में स्थित फैक्ट्री के रूप में पहचाना गया।
- स्थानीय रिपोर्ट: मलेशिया मीडिया के अनुसार, इस आग में तीन बांग्लादेशी मजदूर झुलस गए थे, लेकिन यह घटना किसी सैन्य हमले से संबंधित नहीं थी।
व्यापक संदर्भ
यह पहली बार नहीं है जब पुराने वीडियो को गलत संदर्भ में पेश किया गया हो। डीडब्ल्यू फैक्ट चेक की 18 जून 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, इराक युद्ध (2003) के फुटेज को भी हालिया ईरान-इजरायल संघर्ष से जोड़कर वायरल किया गया है। यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते समय सावधानी बरतना जरूरी है।