नई दिल्ली :- मालदीव के विदेश मंत्री डॉ. अब्दुल्ला खलील आज नई दिल्ली पहुंचे, जहां वे 27 मई तक रहेंगे। इस यात्रा के दौरान वे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत के साथ उच्च स्तरीय वार्ता में भाग लेंगे।
डॉ. खलील की यह यात्रा मालदीव और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करने के उद्देश्य से है। वे 26 मई को दूसरी भारत-मालदीव उच्च स्तरीय कोर ग्रुप (HLCG) बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी पर चर्चा होगी। इस बैठक का उद्देश्य पिछले साल अक्टूबर में मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाए गए दृष्टिकोण दस्तावेज के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करना है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी निर्धारित है, जिसमें दोनों पक्ष क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार करेंगे। इस यात्रा के दौरान, भारत और मालदीव के बीच मानवीय सहायता, व्यापार, निवेश, और जन-से-जन संपर्क को मजबूत करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा होगी।
हालांकि, इस यात्रा का पृष्ठभूमि में मालदीव और भारत के बीच हालिया तनाव भी है, खासकर भारतीय सैन्य उपस्थिति और क्षेत्रीय प्रभाव को लेकर। मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की ‘इंडिया आउट’ नीति के बावजूद, दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है, जो क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए महत्वपूर्ण है।
इस यात्रा से पहले, विदेश मंत्री खलील ने भारत के साथ मजबूत संबंधों को बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है, जबकि भारत ने ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘सागर’ (सुरक्षा और विकास सभी के लिए) नीतियों के तहत मालदीव को अपना समर्थन जारी रखने का आश्वासन दिया है।
यह यात्रा दोनों देशों के बीच साझा हितों और चुनौतियों को संबोधित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर उनके रिश्तों को और मजबूत करेगा।