बिहार में जहरीली शराब से हुई मौतों पर सियासत तेज है। अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने इस पर सवाल उठाया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कई लोगों की मौत पर बृहस्पतिवार को दुख जताया और आरोप लगाया कि प्रदेश की ‘‘मौकापरस्त डबल इंजन सरकार’’ सैकड़ों लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने यह दावा भी किया कि बिहार सरकार अवैध शराब के क़ारोबार को रोकने में विफ़ल साबित हुई है।
खरगे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि अप्रैल 2023 में मोतिहारी में ज़हरीली शराब के सेवन से 26 लोगों की मृत्यु हुई थी। दिसंबर, 2022 में छपरा में 71 लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी। मार्च, 2022 में बांका में 12 लोगों की मृत्यु हुई। नवंबर, 2021 में गोपालगंज, बेतिया और मुजफ्फरपुर में ज़हरीली शराब पीने से 43 लोगों की मृत्यु हो गई थी।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘2017 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने कहा था कि “मेरे जिंदा रहते बिहार में नहीं बिकेगी शराब”, शराबबंदी तो लागू हो गई, पर अवैध शराब का गैरकानूनी कारोबार क्यों चालू है?’’ कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बिहार में मौकापरस्त डबल सरकार सैकड़ों लोगों की जान लेने के लिए ज़िम्मेदार है।
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वहीं कांग्रेस सांसद और झारखंड चुनाव पर्यवेक्षक तारिक अनवर ने कहा कि नीतीश कुमार की सरकार द्वारा लाई गई शराबबंदी नीति पूरी तरह से विफल हो गई है। एक तरफ, कई गिरोह उभर आए हैं। (बिहार) ) शराबबंदी पूरी तरह से लागू नहीं की गई है, आज भी वहां होम डिलीवरी हो रही है जो गरीब हैं और अच्छी शराब नहीं खरीद सकते उन्हें जहरीली शराब पीने के लिए मजबूर किया जा रहा है।”