कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक इमाम सम्मेलन के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला। वक्फ अधिनियम को लेकर आयोजित इस बैठक में ममता ने कहा, “योगी सबसे बड़ा भोगी है”, जिसके बाद सियासी माहौल गरमा गया है।
वक्फ अधिनियम को बताया ‘अत्याचारी कानून’
मुख्यमंत्री बनर्जी ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए वक्फ (संशोधन) अधिनियम की कड़ी आलोचना की और इसे देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा, “कृपया किसी भी अत्याचारी कानून को लागू न करें और अपने गृह मंत्री को नियंत्रण में रखें।”
रामनवमी पर दंगों को लेकर भाजपा पर हमला
बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने रामनवमी के अवसर पर पूर्व नियोजित दंगे भड़काने की साजिश रची थी, जो मुर्शिदाबाद समेत राज्य के कई हिस्सों में हिंसा का कारण बनी। उन्होंने कहा, “मैंने ऐसी रिपोर्टें देखी हैं जिनमें कहा गया है कि दंगे भड़काने में सीमा पार से आए तत्वों की भूमिका है। अगर ऐसा है तो क्या बीएसएफ की जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो सीमा सुरक्षा सुनिश्चित करे?”
बीएसएफ पर गंभीर आरोप
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि मुर्शिदाबाद की हिंसा के दौरान बीएसएफ ने गोलीबारी की, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई। उन्होंने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि वे बीएसएफ की भूमिका की जांच शुरू करें। हिंसा में मारे गए तीन लोगों के परिजनों के लिए ममता बनर्जी ने 10-10 लाख रुपये के मुआवजे* की घोषणा की और कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है। ममता बनर्जी ने दावा किया कि राज्य में बाहर से भाजपा समर्थकों को बुलाया गया, जिनका मकसद अराजकता फैलाना था। उन्होंने कहा, “वे हिंदू-मुस्लिम को बांटना चाहते हैं, लेकिन मैं ऐसा नहीं होने दूंगी। हमारा मकसद लोगों को जोड़ना है, तोड़ना नहीं।”
योगी की प्रतिक्रिया से पहले का बैकग्राउंड
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा पर ममता बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाया था। योगी ने कहा था, “बंगाल जल रहा है और मुख्यमंत्री शांत हैं। वे दंगाइयों को ‘शांति का दूत’ कहती हैं।” इसी बयान के जवाब में ममता ने पलटवार किया।