केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी गया शहरी क्षेत्र के खरखुरा इलाके में भीम पखवाड़ा कार्यक्रम हो रहा था। जहां मंच पर आते ही मांझी अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में आ गये। उन्होंने तो पहले राजद विधायक प्रोफ़ेसर चंद्रशेखर की टिप्पणी पर जवाब देते हुए कहा कि मैं मंदिर-मस्जिद पूजा करने नहीं जाता हूं। जाता हूं आपके मन और प्रतिष्ठा को रखने के लिए ताकि आपकी भावना को ठेस न लगे। किसी की भावना का कदर करना कोई रूढ़िवादिता नहीं है।
इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने वक्फ बिल, कॉमन स्कूलिंग सिस्टम और मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ा बयान दिया है। वहीं वक्फ बिल पर कहा कि मुसलमान के संस्थान में मुसलमान का ही देखरेख होना चाहिए वहीं अपने ही सरकार पर निशाना चाहते हुए कहा वह दलितों को आगे नहीं बढ़ने देना चाहते।
‘निशांत कुमार नहीं आएंगे राजनीति में तो जदयू का हो जाएगा सफाया’
बाबा साहब अंबेडकर जयंती सप्ताह के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में मांझी ने वक्फ बिल पर खुलकर आपत्ति जताते हुए कहा कि हम इसके खिलाफ अंतिम सांस तक लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि जब हिंदू मठों में गैर हिंदू नहीं हो सकते, तो फिर मुस्लिम संस्थानों में गैर मुस्लिम क्यों।
उन्होंने कहा कि सरकार से कहेंगे। यह एकतरफा है, इसे संशोधित किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं, उन्होंने कॉमन स्कूलिंग सिस्टम पर भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए। कहा न तो पिछली सरकारों में हिम्मत थी और न ही मौजूदा सरकार में है। आखिर किससे डरकर कॉमन स्कूल लागू नहीं किया जा रहा। सरकार की नीयत में ही खोट है। तभी समान शिक्षा का सपना अब तक अधूरा है।