बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले NDA घटक दलों में भी सीट के लिए प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू हो गई है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी के सीटों की डिमांड लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने इसको लेकर बीजेपी और जदयू पर आरोप लगाया है कि दोनों के बीच सीट शेयरिंग की बात हो गई है। आज उन्होंने बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती के अवसर पर कांग्रेस के बहाने फिर भाजपा और जदयू पर निशाना साधा है।
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उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस और NDA गठबंधन के अतिरिक्त लोगों से पूछना चाहता हूं कि उनकी भी सरकार यहां थी तब उन्होंने शिक्षा के लिए क्या किया? अंबेडकर साहब ने कहा था कि राष्ट्रपति का बेटा हो या कोई दलित सभी को एक समान शिक्षा का अधिकार है। आज तक वैसी व्यवस्था नहीं आई है। उन्होंने कहा कि जो लोग आज इसे मना रहे हैं वे आज तक कहां सोए थे? सामान्य वर्ग की साक्षरता दर 80% है और SC की साक्षरता दर 28% है। इतने बड़े अंतर को दोषी कौन है? जिन लोगों ने 60-65 साल कर राज किया वही दोषी हैं। उन्हें इस दिन को मनाने का कोई अधिकार नहीं है।”
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बता दें कि विधानसभा चुनावों के बारे में ‘हम’ के संस्थापक ने कहा कि वह 243 सदस्यीय सदन की 35-40 सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। मांझी ने कहा, ‘हमने 2020 में सात सीट पर चुनाव लड़ा था और चार पर जीत हासिल की थी। मेरा मानना है कि अगर ‘हम’ के पास 20 विधायक होंगे, तो पार्टी अपने दलित समर्थक एजेंडे को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ा सकेगी, चाहे मुख्यमंत्री कोई भी हो। 20 या उससे अधिक सीट के लिए हमें 35-40 सीट पर चुनाव लड़ना होगा।’ बिहार में राजग में जद(यू), भाजपा और ‘हम’ के अलावा केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा शामिल हैं।