बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज वाजपेयी अपने गांव की मिट्टी की खुशबू लेने एक बार फिर वाल्मीकिनगर, पश्चिम चंपारण पहुंचे। ग्लैमर और चकाचौंध से दूर, इस बार वह पूरी तरह देसी अंदाज में नजर आए।
मुंबई से गोरखपुर, फिर अपने गांव की ओर
मनोज वाजपेयी मुंबई से गोरखपुर पहुंचे और वहां से वाल्मीकिनगर के लिए रवाना हुए। रास्ते में रतवल गांव में उनका भव्य स्वागत मुखिया नितेश राव ने किया। ग्रामीणों में अपने इलाके के “सुपरस्टार” को देखने की होड़ मच गई। हर कोई बस एक झलक पाने को बेताब दिखा।

पुरानी जीप की सवारी और पुरानी यादें
मनोज वाजपेयी ने इस यात्रा को और भी यादगार बना दिया जब उन्होंने एक पुरानी जीप चलाई। उनके इस देसी अंदाज को देखकर हर कोई नॉस्टैल्जिक हो गया। जीप चलाते हुए उन्होंने अपने बचपन के दिनों को याद किया और गांव के लोगों से अपने अंदाज में देसी भाषा में बतियाने लगे।
दोस्तों संग बिताए अनमोल पल
इस दौरे में मनोज वाजपेयी अकेले नहीं थे। उनके साथ उनके स्कूली मित्र शैलेंद्र प्रताप सिंह, प्रो. ज्ञानदेव मणि त्रिपाठी, राकेश राव शामिल रहे। जबकि विराज सिंह, नितेश राव और कन्हैया राव भी इस दौरान मौजूद रहे। दोस्तों के साथ वह पुराने दिनों की यादों में खो गए और कई किस्से-कहानियां साझा कीं।

बराज का भ्रमण और स्थानीय लोगों से मुलाकात
मनोज वाजपेयी ने वाल्मीकिनगर बराज का भी दौरा किया और वहां के सुंदर नज़ारों का आनंद लिया। स्थानीय लोगों से मिलकर उन्होंने उनकी परेशानियां, खुशियां और गांव के बदलावों पर चर्चा की।
गांव से जुड़ाव और सादगी की मिसाल

बड़े पर्दे पर गंभीर और दमदार भूमिकाओं के लिए मशहूर मनोज वाजपेयी असल जिंदगी में बेहद सादगी पसंद इंसान हैं। उनके इस दौरे ने साबित कर दिया कि चाहे वह कितने भी बड़े स्टार बन जाएं, अपनी जड़ों से उनका लगाव कभी कम नहीं होगा।
वाल्मीकिनगर में मनोज वाजपेयी की मौजूदगी एक त्योहार जैसी थी, और उनके प्रशंसकों को इस यात्रा की यादें लंबे समय तक संजोकर रखने को मिल गईं।