नई दिल्ली: तमिलनाडु की सियासी और मीडिया की दुनिया में हलचल मच गई है, क्योंकि डीएमके सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई, अरबपति कारोबारी कलानिधि मारन को कानूनी नोटिस भेजकर सन टीवी नेटवर्क पर कथित धोखाधड़ी के जरिए नियंत्रण हथियाने का गंभीर आरोप लगाया है। यह विवाद 2003 में उनके पिता मुरासोली मारन की मृत्यु के बाद शुरू हुआ, जिसने मारन परिवार के कारोबारी और राजनीतिक रास्तों को अलग कर दिया।
दयानिधि मारन का दावा है कि कलानिधि ने 15 सितंबर 2003 को उचित मूल्यांकन, शेयरधारक अनुमति या बोर्ड प्रस्ताव के बिना खुद को 12 लाख इक्विटी शेयर आवंटित किए। उस समय शेयरों का अंकित मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर था, लेकिन दयानिधि के अनुसार, सन टीवी की वास्तविक कीमत उस समय लगभग 3,500 करोड़ रुपये थी, जो कंपनी की नकदी और लाभप्रदता को दर्शाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस कदम से कलानिधि ने कंपनी में 60% नियंत्रण हासिल कर लिया, जबकि अन्य प्रमुख हितधारकों, खासकर एमके दयालु (करुणानिधि की पत्नी) को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई।
कानूनी कार्रवाई और मांगें
दयानिधि ने अपने वकील के. सुरेश के माध्यम से भेजे गए नोटिस में कंपनी की शेयरधारिता को सितंबर 2003 से पहले की स्थिति में बहाल करने की मांग की है, जब मारन परिवार और दिवंगत मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के पास बराबर शेयर थे। इसके अलावा, उन्होंने सन टीवी नेटवर्क के वित्तीय रिकॉर्ड की फोरेंसिक ऑडिट और कथित तौर पर डायवर्ट की गई संपत्तियों को वापस करने की मांग की है। अगर मांगें पूरी नहीं होतीं, तो दयानिधि ने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) से जांच की धमकी दी है।
वहीं, सन टीवी नेटवर्क ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे निराधार बताया है। कंपनी का कहना है कि यह मामला उस समय का है जब वह एक निजी इकाई थी, और अब यह जनता की कंपनी है। बता दें कलानिधि मारन की अगुवाई वाली कंपनी अपने 24,000 करोड़ रुपये के साम्राज्य की रक्षा के लिए कानूनी मोर्चे पर तैयार है।
यह विवाद तमिलनाडु की प्रभावशाली करुणानिधि राजनीतिक विरासत से जुड़ा है। मुरासोली मारन, जो डीएमके के वरिष्ठ नेता थे, की मृत्यु के बाद उनका कारोबारी साम्राज्य उनके बेटों के बीच विभाजित हो गया। दयानिधि, जो एक राजनेता हैं, और कलानिधि, जो मीडिया टाइकून हैं, के बीच यह टकराव परिवार और पार्टी के भीतर सत्ता के संघर्ष को उजागर करता है। अगर यह मामला कोर्ट में जाता है, तो यह करुणानिधि परिवार और सन ग्रुप के भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस कानूनी जंग से सन टीवी नेटवर्क के शेयरों पर दबाव पड़ सकता है, जो भारत के सबसे बड़े मीडिया समूहों में से एक है। इसके पास टेलीविजन चैनल्स, एफएम रेडियो स्टेशन और फिल्म प्रोडक्शन हाउस हैं। कलानिधि मारन, जिनकी संपत्ति फोर्ब्स के अनुसार 2.9 अरब डॉलर है, इस चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं, लेकिन यह विवाद उनकी सार्वजनिक छवि को भी प्रभावित कर सकता है।
देखना होगा कि यह पारिवारिक और कारोबारी विवाद किस दिशा में जाता है। क्या दयानिधि की मांगें मानी जाएंगी या कलानिधि अपनी स्थिति बरकरार रखेंगे? इस मामले से न केवल मारन परिवार, बल्कि तमिलनाडु की राजनीति और मीडिया उद्योग पर भी गहरी छाप पड़ेगी।