बिहार के छपरा जिले स्थित मढ़ौरा रेल इंजन कारखाना भारत में सबसे आधुनिक और अत्याधुनिक रेल इंजन बनाने वाली कंपनी बन गई है। यह उपलब्धि सिर्फ छपरा बल्कि पूरे बिहार के लिए गर्व का विषय है। मढ़ौरा रेल कारखाने ने अपनी 700वीं रेल इंजन को बुधवार (19 मार्च) को रवाना किया, जिससे एक नई मील का पत्थर स्थापित हुआ है।
रेलवे के मुख्य अभियंता (सीएओ) मनीष कुमार और अन्य उच्च अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाकर इस इंजिन को रवाना किया। इस इंजन को भारतीय रेल को सौंपे जाने से पहले पूरी तरह से सजाया गया था। यह रेल इंजन अब अफ्रीका में अपनी सेवाएं देगा। अफ्रीका के लिए भारत 1,000 रेल इंजन निर्यात करेगा, जिससे भारतीय रेलवे की गुणवत्ता और तकनीकी क्षमता को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल रही है।
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में राज्यसभा में इस बारे में जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि मढ़ौरा की डीजल रेल इंजन फैक्ट्री से बने ये इंजिन अफ्रीका की रेल सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे। इसके तहत अफ्रीकी सरकार ने मढ़ौरा स्थित वेबीटेक कंपनी से 100 इंजनों की खरीद के लिए समझौता किया है। मढ़ौरा डीजल रेल इंजन फैक्ट्री 2025 से 2028 के बीच अफ्रीका को 4500 हॉर्सपावर के करीब 100 इंजनों का निर्यात करेगी। इन इंजनों की आपूर्ति अफ्रीका के शिमाण्डू क्षेत्र में की जाएगी।
मढ़ौरा डीजल रेल इंजन फैक्ट्री ने इससे पहले भारतीय रेल को 4500 हॉर्सपावर और 6000 हॉर्सपावर के लगभग 700 इंजनों की सप्लाई की है। इन इंजनों की आपूर्ति देश के प्रमुख डीएलडब्ल्यू रौजा, गांधीनगर और पुति जैसे रेलवे डिपो में की गई है।
बता दें कि यह फैक्ट्री 70 एकड़ के क्षेत्र में फैली हुई है और 2018 में पूरी तरह से शुरू हुई थी। इसका शिलान्यास 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने किया था। इस कारखाने का मुख्य उद्देश्य भारतीय रेलवे के लिए आधुनिक इंजन का निर्माण करना था। वर्तमान में यह फैक्ट्री लगभग 600 लोगों को रोजगार प्रदान कर रही है और हर साल भारतीय रेलवे को 100 इंजन उपलब्ध करा रही है। इसके अलावा, इसने बिहार में औद्योगिक विकास को भी नई दिशा दी है।