जगदलपुर : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में फरवरी 2024 में भारतीय सेना के जवान मोतीराम अचला की हत्या के मामले में एक आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। बीजापुर निवासी आशु कोर्सा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 120बी (आपराधिक साजिश) के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धारा 16, 18, 20, 38 और 39 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह आरोप पत्र जगदलपुर की एनआईए विशेष अदालत में पेश किया गया।
घटना का विवरण
एनआईए की जांच के अनुसार, आशु कोर्सा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सीपीआई (माओवादी) की आपराधिक साजिश में शामिल था, जिसके तहत 25 फरवरी 2024 को कांकेर जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र में उसेली गांव के मेले के दौरान मोतीराम अचला की हत्या कर दी गई थी। मृतक, जो उत्तर-पूर्व में हवलदार के रूप में तैनात थे, अपने परिवार से मिलने के लिए अपने गृह नगर आए थे, जब माओवादी सशस्त्र कैडर ने उन पर हमला किया।
बढ़ता तनाव और कार्रवाई
यह घटना छत्तीसगढ़ में माओवादी विरोधी अभियानों के बीच हुई है, जहां बीजेपी नीत सरकार ने 2024 में 223 माओवादियों के मारे जाने का दावा किया है, जो पिछले कांग्रेस शासन के 141 से काफी अधिक है। हालांकि, मानवाधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) ने क्षेत्र में 2024 से बढ़ती हिंसा और सैन्यीकरण के बीच संभावित अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं की चिंता जताई है, जिससे एनआईए की आक्रामक रणनीति पर सवाल उठ रहे हैं।
आगे की राह
एनआईए की इस कार्रवाई से माओवादी विरोधी अभियान में तेजी आने की उम्मीद है, लेकिन मानवाधिकार समूहों ने बस्तर क्षेत्र में शांति और निष्पक्ष जांच की मांग की है। यह मामला भारत के लंबे समय से चली आ रही माओवादी समस्या और इसके समाधान के तरीकों पर बहस को फिर से हवा दे सकता है।