शिलॉन्ग/इंदौर : मेघालय पुलिस ने राजा रघुवंशी हत्याकांड मामले में एक नई और महत्वपूर्ण खोज की है। बुधवार को इंदौर में एक नाले से प्लास्टिक की थैली में बंद सामान बरामद किया गया है, जिसे हत्या से जुड़े अहम सबूत माना जा रहा है। इस कार्रवाई में मेघालय पुलिस ने रियल एस्टेट कारोबारी शिलोम जेम्स की निशानदेही पर काम किया, जो मामले में एक आरोपी है।
हत्याकांड का खुलासा
राजा रघुवंशी की हत्या उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी और उसके कथित प्रेमी राज कुशवाहा द्वारा रची गई साजिश का नतीजा थी। पुलिस के अनुसार, यह हत्या मई 2025 में मेघालय के नोंगरीआत क्षेत्र में हनीमून के दौरान हुई, जहां सोनम ने अपने पति को अलग-थलग करने और हत्या के लिए तीन हिटमैन—विशाल, आनंद और आकाश—को 50,000 रुपये में नियुक्त किया था।
सोनम ने कथित तौर पर यह भी योजना बनाई थी कि अगर हिटमैन विफल होते हैं, तो वह खुद राजा को पहाड़ से धक्का दे देगी, जैसा कि रिपोर्ट में पुलिस सूत्रों ने बताया।
अहम सबूतों की बरामदगी
चश्मदीदों के मुताबिक, मेघालय पुलिस और स्थानीय पुलिसकर्मियों ने पलासिया क्षेत्र के नाले में खोजबीन के बाद यह सामान बरामद किया। इंदौर पुलिस के एक अधिकारी ने संदेह जताया कि थैली में एक तमंचा हो सकता है, जो सोनम के हत्याकांड के बाद मेघालय से फरार होने के दौरान इस्तेमाल हुआ था। इससे पहले, 22 जून को जेम्स की निशानदेही पर एक जले हुए बैग के टुकड़े भी बरामद किए गए थे। इस मामले में शिलोम जेम्स, फ्लैट मालिक लोकेंद्र सिंह तोमर और सुरक्षा गार्ड बलबीर अहिरवार को भी गिरफ्तार किया गया है, जो वर्तमान में मेघालय पुलिस की ट्रांजिट हिरासत में हैं।
सोनम और राज का कनेक्शन
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि सोनम ने राज कुशवाहा का नंबर “संजय वर्मा” के नाम से सेव किया था, ताकि उनके रिश्ते पर शक न हो। 1 मार्च से 8 अप्रैल 2025 के बीच दोनों के बीच 234 कॉल हुईं, जिनकी अवधि 30 से 60 मिनट तक थी। यह कॉल रिकॉर्ड सोनम की साजिश में राज की भूमिका को उजागर करता है। हत्या के बाद सोनम गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में 8 जून को पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुकी है।
परिवार का नार्को टेस्ट मांगना खारिज
रघुवंशी परिवार ने सोनम और राज पर नार्को विश्लेषण टेस्ट की मांग की थी, लेकिन विशेष जांच टीम (SIT) ने इसे खारिज कर दिया है। ईस्ट खासी हिल्स के पुलिस अधीक्षक विवेक स्योम ने बताया कि पर्याप्त सबूत होने के कारण नार्को टेस्ट की जरूरत नहीं है, जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी प्रतिबंधित है। पुलिस का दावा है कि अपराध स्थल की पुनर्रचना और अपराधियों के कबूलनामे से मामला मजबूत हो गया है।
मेघालय पुलिस अब बरामद सामान की फोरेंसिक जांच कर रही है, जिससे हत्याकांड के और राज उजागर होने की उम्मीद है। इस घटना ने न केवल देश में सनसनी फैलाई है, बल्कि हनीमून के दौरान हुई इस क्रूर हत्या ने सामाजिक बहस को भी जन्म दिया है।