मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए सभी 414 मतदान केंद्रों पर वोटिंग पूरी हो चुकी है। मिल्कीपुर में कुल 65.35 प्रतिशत मतदान है। साल 2022 में यूपी विधानसभा के चुनाव के दौरान इस सीट पर 60.23 मतदान हुआ था। समाजवादी पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील है कि मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव का मतदान खत्म होने बाद ईवीएम सील होने तक और उसके बाद जबतक ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम तक नहीं पहुंच जाता है, तब तक आप उसकी निगरानी करें। मतदान खत्म होने के बाद जिस गाड़ी पर ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम जाता है, आप लोग उस गाड़ी के पीछे-पीछे जाकर स्ट्रॉन्ग रूम तक छोड़ कर आए। इसके साथ ही पार्टी के पोलिंग एजेंट पीठासीन अधिकारी से फॉर्म 17 ग (भाग-1) अवश्य प्राप्त करें और उसे निर्वाचन अभिकर्ता को उपलब्ध कराएं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के ओर से सोशल मीडिया के जरिए तमाम आरोप लगाए गये हैं।

अयोध्या के सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव बहुत पहले हो जाना चाहिये था। मैं जब लोकसभा चुनाव जीता था तो तो पूरे देश में हमारी चर्चा थी, राम ने अयोध्या में मुझे लाया, बीजेपी को नहीं। उन्होंने कहा कि 9 बार सीएम योगी मिल्कीपुर आ चुके थे। अयोध्या में हार के बाद बीजेपी की नाक कटी थी। अधिकारी के सहारे बीजेपी उपचुनाव लड़ रही है, जनता हर हालत में अजीत प्रसाद को जिताएगी।
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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा सरकार के इशारे पर लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की धज्जियां उड़ायी गयी। भाजपा और प्रशासन ने कई जगहों पर फर्जी वोटिंग की और जमकर धांधली की। अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस-प्रशासन का रवैया अलोकतांत्रिक रहा। दर्जनों बूथों पर समाजवादी पार्टी के बूथ एजेंटों को डराया-धमकाया गया। भाजपा ने मिल्कीपुर में बेईमानी के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाए। भाजपा के गुण्डों ने मिल्कीपुर उपचुनाव को प्रभावित करने के लिए अराजकता की। पुलिस-प्रशासन का उन्हें खुला संरक्षण मिला। पुलिस-प्रशासन ने भाजपा के गुण्डों को खुली छूट देकर चुनाव आचार संहिता का घोर उल्लंघन किया।
श्री यादव ने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव में कई बूथों पर प्रशासन और बीएलओ ने फर्जी मतदान कराया। भाजपा के सत्ता संरक्षित लोगों ने बाहर से गुण्डों को बुलाकर फर्जी वोटिंग करवाई। बूथ संख्या 158 पर एसडीएम द्वारा खुद बूथ कैप्चरिंग की शिकायत चुनाव आयोग से की गई। आयोग से मामले को संज्ञान में लेकर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। अखिलेश यादव ने कहा कि पुलिस-प्रशासन ने मतदाताओं के बीच डर का माहौल बनाकर मतदान को प्रभावित किया गया। भाजपा के समर्थकों ने खुद स्वीकार किया है कि उन्होंने फर्जी मतदान किया है। अकेले एक व्यक्ति ने 6 वोट डाल दिये। फर्जी मतदान करते हुए कुछ लोगों को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अजीत प्रसाद ने स्वयं पकड़ा है। श्री यादव ने कहा कि मिल्कीपुर उपचुनाव में रायपट्टी अमानीगंज में फर्जी वोट डालने की बात अपने मुंह से कहने वाले ने साफ कर दिया कि भाजपा सरकार में अधिकारी किस तरह से धांधली में लिप्त है। निर्वाचन आयोग को और क्या सबूत चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने सोशल मीडिया के जरिए चुनाव आयोग से शिकायत की कि कुछ बूथों पर सेक्टर मजिस्ट्रेट अश्वनी कुमार एवं चौकी प्रभारी खंडासा अनुराग पाठक व पीठासीन अधिकारी ने मिलकर मतदान को प्रभावित किया। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में कई मतदान केन्द्रों पर समाजवादी पार्टी के एजेंटों को या तो बाहर कर दिया गया या एजेन्ट ही नहीं बनाया गया। ज्यादातर बूथों पर ईवीएम खराब होने की शिकायतें मिली। ईवीएम तो कई जगह खराब रही परन्तु कुटिया अमानीगंज की 2 घंटे से ज्यादा मशीन खराब रही और मतदान बाधित रहा। पर्ची के बावजूद कई जगहों पर मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया। मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर उनकी पहचान करने के बहाने उन्हें भयभीत और अपमानित किया गया।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा ने चुनाव प्रक्रिया को ध्वस्त कर दिया है। वह लोकतंत्र की हत्या करने पर आमादा है। भाजपा सरकार और प्रशासन ने खुलेआम चुनाव प्रक्रिया का अपहरण कर लिया है। उपचुनाव सिर्फ खानापूर्ति आयोजन बनकर रह गया है। सरकार के अधिकारी, कर्मचारी खुलेआम फर्जी मतदान कर रहे है। समाजवादी पार्टी के समर्थक वोटरों को वोट नहीं डालने दिया गया। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा को चुनाव में हार का इतना डर है कि बिना किसी लोकलाज के खुलकर वोटों की लूट की। मिल्कीपुर चुनाव में पुलिस ने अपने अधिकार और कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर समाजवादी पार्टी के वोटरों को डराने और फर्जी मतदान कराने में कोई संकोच नहीं किया। पुलिस के बड़े अधिकारियों ने भी मतदाताओं का परिचय पत्र चेक किया। अप्रत्यक्ष रूप से मतदाताओं में भय उत्पन्न करके मतदान को प्रभावित करने का लोकतांत्रिक अपराध किया गया है। तमाम शिकायतों के बाद भी भाजपा लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पवित्रता को नष्ट करने से बाज नहीं आई।