नई दिल्ली: आज भारत ने अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा, ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए महत्वपूर्ण दुर्लभ पृथ्वी और क्रिटिकल मिनरल्स की आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। कोयला और खान मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी के साथ एक अंतर-मंत्रालयी बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें परमाणु ऊर्जा, इस्पात, भारी उद्योग और वाणिज्य मंत्रालयों के अधिकारियों ने भाग लिया। यह बैठक भारत को खनिजों में आत्मनिर्भर (आत्मनिर्भर भारत) बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है।
बैठक में खनन से लेकर शोधन और अंतिम उपयोग तक मूल्य श्रृंखला को मजबूत करने पर चर्चा हुई। इस पहल का उद्देश्य लिथियम, कोबाल्ट और दुर्लभ पृथ्वी जैसे खनिजों की आपूर्ति सुनिश्चित करना है, जो इलेक्ट्रॉनिक्स, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र के लिए आवश्यक हैं। यह कदम राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन (एनसीएमएम), जो 2023 में शुरू किया गया था, के तहत लिया गया है। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (2022) के अनुसार, चीन इन खनिजों के वैश्विक उत्पादन का 60% से अधिक नियंत्रित करता है, जिससे भारत के लिए अपनी आपूर्ति श्रृंखला को विविध बनाना और आत्मनिर्भरता हासिल करना जरूरी हो गया है।
भारत ने इस प्रयास में संयुक्त राज्य अमेरिका (2018 में 35 महत्वपूर्ण खनिजों की सूची) और यूरोपीय संघ (2020 में क्रिटिकल रॉ मैटेरियल्स एक्ट) जैसे देशों के मॉडलों से प्रेरणा ली है। बैठक में एक समग्र सरकारी दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया गया, जो भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिलाने की दिशा में काम करेगा। मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार इस मिशन को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि भारत इन सीमित संसाधनों पर अपनी निर्भरता कम कर सके।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि भारत को नवीकरणीय ऊर्जा (2030 तक 500 गीगावाट क्षमता) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन के लिए सिलिकन, वैनेडियम और लिथियम जैसे खनिजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी। एक राष्ट्रीय ऊर्जा और खनिज सुरक्षा योजना बनाने की भी बात कही गई, जो भारत के ऊर्जा संक्रमण की जरूरतों को संबोधित करेगी।
यह बैठक भारत को वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर तब जब चीन इन संसाधनों पर 90% तक की प्रोसेसिंग क्षमता के साथ वर्चस्व बनाए हुए है।