कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयानों पर कड़ा प्रहार किया है, जिसमें “ऑपरेशन बंगाल” का उल्लेख किया गया था, जो “ऑपरेशन सिंदूर” की तर्ज पर था। बनर्जी ने कहा, “मोदी जी के बयान सुनकर हम न केवल स्तब्ध हैं, बल्कि बहुत दुखी भी हैं। विपक्ष देश का प्रतिनिधित्व कर रहा है, और उनके मंत्री ने कहा कि वे ऑपरेशन बंगाल करेंगे, ऑपरेशन सिंदूर की तरह।”
बनर्जी ने मोदी को चुनौती देते हुए कहा, “अगर उनमें हिम्मत है, तो कल चुनाव में उतरें। हम तैयार हैं और बंगाल आपकी चुनौती स्वीकार करने के लिए तैयार है। लेकिन कृपया याद रखें, समय एक कारक है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनके प्रतिनिधि अभिषेक बनर्जी टीम में हैं और वे हर दिन आतंकवाद और आतंक के खिलाफ बोल रहे हैं।
पृष्ठभूमि और संदर्भ “ऑपरेशन सिंदूर” भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान-कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हड़ताल थी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कार्रवाई थी। बनर्जी का इस ऑपरेशन का उल्लेख करना केंद्र सरकार द्वारा राज्य के मामलों में हस्तक्षेप या धमकी के रूप में देखा जा रहा है, जिससे राज्य और केंद्र सरकार के बीच तनाव बढ़ गया है।
अभिषेक बनर्जी, जो तृणमूल कांग्रेस के एक प्रमुख नेता हैं, हाल ही में दक्षिण कोरिया में एक सभी-दलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जहां उन्होंने पाकिस्तान के आतंकवाद से संबंधों को उजागर किया। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पृष्ठभूमि में घरेलू राजनीतिक बयानबाजी को और गहराई देता है, जो भारत में शासन, सुरक्षा और राजनीतिक रणनीति की एक विस्तृत कहानी प्रस्तुत करता है।
राजनीतिक टकराव बनर्जी का बयान केंद्र और राज्य सरकार के बीच जारी तनाव को दर्शाता है, जहां वित्तीय और प्रशासनिक मुद्दों पर पहले से ही मतभेद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बंगाल को विभिन्न बहानों से धन रोक रही है, जो राज्य के विकास और कल्याण योजनाओं को प्रभावित कर रहा है।
यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ का संकेत देता है, जहां राज्य के अधिकार और केंद्र की नीतियां एक बार फिर से टकरा रही हैं, और इससे चुनावी रणनीतियों पर भी असर पड़ सकता है।