‘India’s Got Latent’ के एक एपिसोड में जजों पर “अश्लीलता फैलाने” का FIR दर्ज होने और सरकार द्वारा एपिसोड ब्लॉक करने के बीच, यूट्यूबर मोहक मंगल (Mohak Mangal) ने सवाल उठाया है: “क्या भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी सिर्फ़ राजनेताओं के लिए है?” उन्होंने कॉमेडियन समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया (Ranveer Allahbadia) और अन्य पर लगे आरोपों को “सेंसरशिप की राजनीति” बताते हुए कहा कि “जब तक भाषण से हिंसा या नफ़रत न फैले, कानूनी कार्रवाई ग़लत है!”
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विवाद की जड़: ‘पैरेंट्स सेक्स’ वाला सवाल?
रणवीर इलाहाबादिया ने शो में एक प्रतियोगी से पूछा था: “क्या आप अपने माता-पिता को जिंदगी भर सेक्स करते देखेंगे या उनके साथ एक बार शामिल होकर इसे खत्म कर देंगे?” इस ‘वूल्वरिन स्टाइल’ सवाल को लेकर आलोचना का बवंडर खड़ा हो गया। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर FIR दर्ज होने की जानकारी दी, जिसमें रणवीर, समय रैना, आशीष चानचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्वा मुखीजा पर IPC की धारा 294 (अश्लीलता) और IT एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ।
Mohak Mangal का पलटवार: “आज़ादी पर हमला!”
मोहक मंगल ने ‘एक्स’ पर लिखा कि “भाषण की आलोचना हो सकती है, लेकिन कानूनी कार्रवाई ग़ैरजरूरी है। यह कदम अभिव्यक्ति को डराने वाला है।” उन्होंने तीखा सवाल किया: “जब नेता लोग सड़कों पर नफ़रत भरे भाषण देते हैं, तब कितनों पर FIR होती है?” मोहक मंगल के अनुसार, भारत में “डिजिटल कंटेंट क्रिएटर्स” को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि राजनीतिक वक्ता सुरक्षित हैं।