नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने आज नागपुर में ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग’ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद की कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस हमले में 26 नागरिकों की मौत के बाद अपराधियों को सजा दिलाने की सबकी इच्छा थी और कार्रवाई हुई।
भागवत ने भारतीय सशस्त्र बलों के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की प्रभावशीलता को रेखांकित किया, जिसमें आतंकी शिविरों को निशाना बनाया गया। उन्होंने कहा, “इस सारे प्रसंग में अपनी सेना की क्षमता और वीरता फिर एक बार चमक गई। रक्षा अनुसंधानों का कारगर होना साबित हो गया। शासन-प्रशासन की दृढ़ता हम सबने देखी।”
उन्होंने राजनीतिक दलों के बीच मतभेद भूलकर आपसी सहयोग की भी प्रशंसा की, यह कहते हुए कि यह देश के लिए एक बड़ा संबल है और वास्तव में यह उत्तम प्रजातंत्र का दृश्य है, जो आगे भी चलता रहना चाहिए।
पहलगाम हमला, जो 22 अप्रैल 2025 को हुआ, में पांच सशस्त्र आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया था, जिनमें हिंदू पर्यटक मुख्य रूप से थे, लेकिन एक ईसाई पर्यटक और एक स्थानीय मुस्लिम की भी मौत हुई। इस घटना को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन TRF (लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन का एक अलगाववादी समूह) ने अंजाम दिया था।
भागवत की बातों से राष्ट्रीय एकता और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ने की जरूरत साफ झलकती है। उन्होंने सैन्य परिशुद्धता, सरकारी दृढ़ता और राजनीतिक सहयोग को भारत के लोकतांत्रिक जवाब के आवश्यक तत्व के रूप में पहचाना, जो देश की स्थिरता बनाए रखने और चरमपंथ का मुकाबला करने के प्रयासों के अनुरूप है।