Mokama Murder Case: पटना ज़िले के मोकामा टाल इलाके में गुरुवार को हुई बाहुबली नेता दुलारचंद यादव की गोली मारकर हत्या ने बिहार की सियासत में भूचाल ला दिया है। भदौर के बसावनचक गांव में यह घटना उस वक्त हुई, जब जन सुराज पार्टी के उम्मीदवार पीयूष प्रियदर्शी चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे। जैसे ही गोलियों की आवाज़ गूंजी, प्रचार का माहौल तनाव में बदल गया। इलाके में भगदड़ मच गई और देखते ही देखते पूरा मोकामा पुलिस और अर्धसैनिक बलों की छावनी में तब्दील हो गया।
मृतक दुलारचंद यादव, जो घोसवरी के ताड़तर गांव के रहने वाले थे, लंबे समय से मोकामा की स्थानीय राजनीति में प्रभावशाली माने जाते थे। परिजनों ने इस हत्या का आरोप एनडीए प्रत्याशी अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर लगाया है। उनका आरोप है कि पहले दुलारचंद को पैर में गोली मारी गई और फिर उनके ऊपर गाड़ी चढ़ाकर हत्या कर दी गई। दुलारचंद के पोते के बयान के आधार पर अनंत सिंह, उनके दो भतीजे रणवीर और कर्मवीर सहित छोटन सिंह, कंजय सिंह और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
दूसरी ओर, अनंत सिंह ने खुद को निर्दोष बताया और पूरा मामला राजनीतिक साज़िश करार दिया। अनंत सिंह ने कहा कि “हम लोग चुनाव प्रचार में थे। रास्ते में देखा कि सौ से ज़्यादा गाड़ियां खड़ी हैं। हमें लगा कोई और प्रचार कर रहा है, लेकिन जब पास पहुंचे तो हमारे खिलाफ नारेबाजी शुरू हो गई। हमने किसी को कुछ नहीं कहा और आगे बढ़ गए। हमारे पीछे बची 10 गाड़ियों पर हमला कर दिया गया।”
अनंत सिंह ने आरोप लगाया कि “यह पूरा खेल सूरजभान सिंह का था। उन्होंने जानबूझकर दुलारचंद को आगे किया ताकि झड़प की स्थिति बने। वही इस हिंसा के असली जिम्मेदार हैं। हमारी कई गाड़ियां तोड़ दी गईं और एक को वहीं छोड़ना पड़ा।”
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर मोकामा से राजद प्रत्याशी और सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि “अनंत सिंह के सारे आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं। घटना के वक्त मैं मरांची में पैदल प्रचार कर रही थी। तभी एक बच्चे ने मुझे मोबाइल में बताया कि दुलारचंद की हत्या हो गई। हम मांग करते हैं कि चुनाव आयोग अनंत सिंह का नामांकन रद्द करे।” वीणा देवी ने कहा कि इस हत्या में उनका या उनके परिवार का कोई संबंध नहीं है, और सच्चाई सामने लाने के लिए पुलिस को पीयूष प्रियदर्शी व अन्य प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ करनी चाहिए।
मोकामा में यह घटना सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि बिहार की बाहुबली राजनीति का नया अध्याय बन चुकी है। जहां एक ओर जन सुराज पार्टी और राजद इस मामले को लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं, वहीं जदयू और एनडीए खेमे इसे राजनीतिक षड्यंत्र कह रहे हैं। पुलिस अब इस मामले की तफ्तीश में जुटी है, जबकि इलाके में तनाव को देखते हुए भारी संख्या में बल तैनात किए गए हैं।






















