पटना जिले के मोकामा टाल इलाके में चुनावी रंजिश के बीच फायरिंग और पथराव (Mokama Firing Case) की घटना ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद दोनों दलों के समर्थक आमने-सामने आ गए, जिसके बाद हिंसा ने गंभीर रूप ले लिया। इस घटना में दुलारचंद यादव की मौत हो गई। पुलिस ने अब तक इस मामले में चार अलग-अलग एफआईआर दर्ज की हैं और कई आरोपितों को गिरफ्तार कर पूछताछ शुरू कर दी है।
पटना एसएसपी के अनुसार, मोकामा गोलीकांड में दोनों पक्षों ने आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया। चुनाव प्रचार के दौरान हुई झड़प में जमकर पथराव और फायरिंग हुई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। घटना में कुछ वाहन क्षतिग्रस्त हुए, हालांकि अब स्थिति नियंत्रण में है।
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पुलिस ने देर रात इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों और वीडियो फुटेज के आधार पर जांच शुरू की है। जांच में यह बात सामने आई कि घटनास्थल के आसपास 70 से 80 गाड़ियां गुजरी थीं, लेकिन किसी वाहन के सीधे तौर पर शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है। एसएसपी ने कहा कि पुलिस हर एंगल से जांच कर रही है और किसी को भी अफवाह फैलाने से सख्त चेतावनी दी गई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि विवाद की शुरुआत चुनाव प्रचार के दौरान नारेबाजी और आरोप-प्रत्यारोप से हुई थी, जो कुछ ही मिनटों में हिंसक रूप ले बैठी। प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो थानाध्यक्षों पर लापरवाही के आरोप में विभागीय कार्रवाई की है। एसएसपी ने कहा, “लोग अफवाहों पर ध्यान न दें। पुलिस फुटेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर निष्पक्ष जांच कर रही है। दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।”






















