मोकामा हत्याकांड (Mokama Hatyakand) पर अब जांच की दिशा तेज हो गई है। शुक्रवार को हुए गोलीकांड में दुलारचंद यादव की मौत के बाद राजनीतिक सरगर्मी और प्रशासनिक हलचल दोनों बढ़ गई हैं। इस पूरे मामले में अब तक तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं और दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पटना (ग्रामीण) के एसपी विक्रम सिहाग ने इस मामले पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि “अब तक इस प्रकरण में कुल तीन एफआईआर दर्ज हुई हैं। पहली एफआईआर मृतक के पोते द्वारा दर्ज कराई गई है जिसमें पांच अभियुक्तों को नामजद किया गया है। दूसरी एफआईआर दूसरी ओर से दर्ज हुई जिसमें छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। वहीं पुलिस की ओर से तीसरी एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें अज्ञात लोगों को भी आरोपित किया गया है।”

सिहाग ने बताया कि मृतक दुलारचंद यादव का पोस्टमार्टम मेडिकल बोर्ड के तीन डॉक्टरों की टीम ने किया। इसके बाद शनिवार को दिन में उनका अंतिम संस्कार किया गया। पुलिस लगातार वीडियो फुटेज और सोशल मीडिया क्लिप्स की मदद से घटना की जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि अब तक जो वीडियो साक्ष्य मिले हैं, उन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भी भेजा गया है ताकि गोली चलाने वालों और हिंसा भड़काने वालों की पहचान की जा सके।
यह पूरा मामला उस वक्त शुरू हुआ जब मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो गुट आमने-सामने आ गए और फायरिंग हो गई। इस घटना में दुलारचंद यादव की मौत हो गई थी, जिससे पूरे इलाके में तनाव फैल गया। पुलिस ने तत्काल अतिरिक्त बल तैनात कर हालात पर नियंत्रण पाया, लेकिन घटना ने राज्य के राजनीतिक माहौल को हिला दिया।
इस हत्याकांड ने न सिर्फ स्थानीय राजनीति को बल्कि चुनाव आयोग को भी सक्रिय कर दिया है। भारत निर्वाचन आयोग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए बिहार के डीजीपी से पूरी रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने पूछा है कि चुनाव के दौरान इस तरह की घटना कैसे हुई और सुरक्षा व्यवस्था में चूक के लिए कौन जिम्मेदार है। माना जा रहा है कि आयोग जल्द ही इस पर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा ताकि आगे किसी तरह की हिंसक घटना को रोका जा सके।






















