बिहार विधानसभा चुनाव के बीच मोकामा में बाहुबली नेता दुलारचंद यादव की हत्या (Mokama Murder Case) ने पूरे राजनीतिक परिदृश्य को झकझोर दिया है। यह घटना न केवल स्थानीय स्तर पर भय और तनाव का माहौल पैदा कर रही है, बल्कि इसने चुनावी बहस को भी नई दिशा दे दी है। बिहार की सियासत एक बार फिर “जंगलराज बनाम गुंडाराज” के पुराने विमर्श में उलझती दिख रही है।
इस बीच भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आर. के. सिंह ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान सशस्त्र काफिलों की मौजूदगी आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है और यह लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार है। आर. के. सिंह ने प्रशासन और आयोग दोनों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि यह विफलता केवल एक घटना नहीं, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल है।
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उन्होंने मांग की कि इस मामले में स्थानीय अधिकारियों और प्रभावशाली उम्मीदवारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि चुनावी वातावरण में निष्पक्षता और कानून-व्यवस्था बहाल हो सके। आर के सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करना चाहिए। यह चुनाव आयोग और जिला प्रशासन दोनों की विफलता है।
चुनाव के दौरान यह बेहद चिंताजनक और अस्वीकार्य है। सशस्त्र वाहनों के बड़े काफिले की मौजूदगी आचार संहिता का खुला उल्लंघन है और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का मखौल उड़ाती है। स्थानीय अधिकारियों और प्रभावशाली उम्मीदवारों सहित जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके और कानून-व्यवस्था को बनाए रखा जा सके।






















