बिहार की सियासत में इन दिनों बयानबाज़ी का दौर तेज है। महागठबंधन के नेता और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के मुखिया मुकेश सहनी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक ओर जहां उन्होंने नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की, वहीं दूसरी ओर उनके “रिटायरमेंट” की सलाह भी दे डाली। सहनी ने अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया कि उनका सम्मान नीतीश कुमार की राजनीतिक यात्रा के लिए है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी इशारा दिया कि अब बिहार को एक नई सोच और नई दिशा की जरूरत है।
मुकेश सहनी ने कहा कि उन्हें नीतीश कुमार पर गर्व है, क्योंकि वे साल 2013 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजनीतिक तौर पर लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार ने उस समय डिनर कैंसिल किया था, और तब से लगातार नरेंद्र मोदी से लड़े। आज तक मोदी उनसे नहीं जीत पाए, लेकिन अब लगता है कि बिहार का विकास रुक गया है। इसलिए अब नीतीश कुमार को सम्मानजनक तरीके से रिटायर हो जाना चाहिए।”
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भाजपा के नेताओं द्वारा महागठबंधन के मेनिफेस्टो पर उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए मुकेश सहनी ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास कोई नया विचार नहीं है, वह सिर्फ दूसरों की बातों को कॉपी करती है। सहनी ने तंज कसते हुए कहा, “तेजस्वी यादव जी ने जो जो कहा, सरकार ने उसकी नकल की। हमने कहा था कि वृद्धा पेंशन बढ़ाई जाएगी, उन्होंने बढ़ा दी। हमने कहा था कि ‘मां-बहन सम्मान योजना’ के तहत ₹25 हजार देंगे, तो सरकार ने ₹10 हजार देने का ऐलान कर दिया। लेकिन असल विजन हमारे पास है, हम उसे जमीन पर उतारेंगे। सरकार आने दीजिए, एक-एक वादा पूरा करेंगे, और भाजपा के लोग भी जानते हैं कि यह काम होगा।”
विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक और महागठबंधन की ओर से उपमुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार मुकेश सहनी ने आगे कहा, “हमने कहा था कि वृद्धा पेंशन ₹400 से बढ़ाकर ₹1500 करेंगे, लेकिन नीतीश कुमार ने ₹1100 तक ही बढ़ाया। हमने 200 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा किया था, लेकिन सरकार ने केवल 125 यूनिट दी। यानी उनका कोई अपना विजन नहीं है, वे हमारे विजन की नकल कर रहे हैं। हम सरकार बनाकर बिहार में असली विकास का मॉडल लागू करेंगे।”
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जब असदुद्दीन ओवैसी ने यह सवाल उठाया कि 6% जनसंख्या वाले को उपमुख्यमंत्री का पद दिया गया, जबकि 17% अल्पसंख्यकों को कुछ नहीं, तब मुकेश सहनी ने करारा जवाब देते हुए कहा, “ओवैसी साहब को हैदराबाद में मौका मिला है, वे वहीं जाकर काम करें। बिहार की राजनीति बिहार के लोग ही तय करेंगे।”






















