बिहार की राजधानी पटना में आज गांधी मैदान में आयोजित ‘वक्फ बचाओ’ रैली में वक्फ कानून के विरोध को लेकर नया राजनीतिक मोर्चा बनता दिखा। विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने इस रैली को अपना समर्थन देते हुए आंदोलन के साथ खड़े रहने का संकल्प दोहराया। पार्टी की ओर से एक प्रतिनिधिमंडल रैली में शामिल हुआ, जिसमें कई वरिष्ठ नेता उपस्थित रहे।
प्रतिनिधिमंडल में मोहम्मद नुरुल होदा, इफ्तखार अहमद, अर्जुन सहनी, प्रेमानंद बेलदार, राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति और सुनील निषाद शामिल थे। इन नेताओं ने रैली स्थल पर पहुंचकर वक्फ कानून को मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला बताया और इसे तत्काल वापस लेने की मांग की।
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वीआईपी प्रमुख और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने इस अवसर पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, “जिस तरह मछली पानी के बिना नहीं रह सकती, उसी तरह मुसलमानों के लिए वक्फ बोर्ड जरूरी है। भाजपा की नीयत गरीबों और अल्पसंख्यकों के अधिकार छीनने की है।”
सहनी ने कहा कि वक्फ कानून में बदलाव की कोशिश, न सिर्फ मुसलमानों की इबादतगाहों और संपत्तियों को लूटने का प्रयास है, बल्कि यह उनकी ऐतिहासिक विरासत को मिटाने की साजिश भी है। उन्होंने इसे संविधान के मूल मूल्यों पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ शुरुआत है। हमें आगे लंबा संघर्ष करना है। यह सरकार दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के हक छीनना चाहती है, और संविधान को बदलने की कोशिशों में जुटी है।”