वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी (VIP Mukesh Sahani) ने मोतिहारी में बापू सभागार में मोतिहारी जोन के कार्यकर्ताओं की एक विशाल जनसभा को संबोधित किया है। यहां सरकार बदलो अधिकार पाओ सम्मेलन का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि बिहार में जनता के आशीर्वाद से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता। सरकार बनने पर निषाद समाज का बेटा उप मुख्यमंत्री।

उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं की समस्याएं सरकार नहीं सुन रही। आए दिन प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक हो रहे। प्रदेश में शासन-प्रशासन किसी की सुधि नहीं ले रहा। अब मुख्यमंत्री से प्रदेश की जनता उब चुकी है। जनता बदलाव के मूड में है। नेता प्रतिपक्ष ने 17 महीने के कार्यकाल में युवाओं को नौकरी देने का काम किया है। देश व प्रदेश की सरकार वोट बैंक की राजनीति करने के साथ जनता के मुद्दों को भूल जा रही। युवा बेरोजगार हैं व किसान बेहाल हैं।

कश्मीर के पहलगाम में निर्दोष पर्यटकों पर आतंकी हमला देश की सुरक्षा पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा। इस हमले में मासूम लोगों की जानें गईं, जो गृह मंत्रालय की विफलता का प्रतीक है। गृह मंत्री अमित शाह को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा देना चाहिए। देश में जब भी किसी मंत्री की नाकामी सामने आई है, उन्होंने इस्तीफा दिया है। ऐसा कदम दूसरों के लिए भी सीख बनता है।
तेजस्वी-राहुल-अखिलेश को बोलने का हक़ नहीं.. Cast Census पर भाजपा-जेडीयू नेता ने खूब सुनाया
जाति जनगणना पर दिए गए बयान को लेकर वीआईपी सुप्रीमो मुकेश साहनी ने चिराग पासवान पर जमकर हमला बोला है। सहनी ने चिराग को नसीहत देते हुए कहा कि ‘एक इंटरव्यू में चिराग ने कहा था कि जातीय जनगणना हो लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया जाए। मैं उन्हें छोटा भाई मानता हूं, इसलिए सलाह देता हूं कि बीजेपी की गोद में बैठने के बावजूद समाज की चिंता करें। उनके पिता, स्व. राम विलास पासवान, इस आरक्षण की लड़ाई को अंतिम सांस तक लड़ते रहे। आज जब सफलता मिली है तो उसका विरोध क्यों?”

सहनी ने चिराग पर तंज कसते हुए कहा, “बीजेपी के हनुमान बनने के चक्कर में पहले एक बार घर से बेघर हो चुके हैं, अब कहीं समाज से ही बेदखल न हो जाएं।” उन्होंने कहा कि दिल्ली, बंगाल व ओड़िशा में निषाद समाज को आरक्षण मिल रहा है, तो बिहार में क्यों नहीं. वहीं बिहार में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के दो दिवसीय दौरे पर प्रतिक्रिया देते हुए सहनी ने कहा, “ओवैसी का आना-जाना कोई मायने नहीं रखता। बिहार की जनता समझ चुकी है कि उनका मकसद क्या है। वे यहां कोई असर नहीं डाल सकते, जनता उनके झांसे में नहीं आने वाली।”