बिहार की राजनीति में तेजी से उभरते चेहरे और विकासशील इंसान पार्टी (VIP) के प्रमुख मुकेश सहनी ने वोटर अधिकार यात्रा के तहत मधुबनी के फुलपरास में जनसभा को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने लोगों से अपील की कि किसी भी कीमत पर अपने वोट के अधिकार को बचाना होगा क्योंकि यही ताकत भविष्य की राजनीति और समाज की दिशा तय करती है।
मुकेश सहनी ने कहा कि आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में सड़कों पर उतरकर संघर्ष किया जा रहा है और यह लड़ाई वोट चोरी रोकने के लिए है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गरीबों और वंचितों के पास अगर वोट का अधिकार न होता तो न ही वे आज जनता के बीच खड़े होते और न ही लालू यादव कभी मुख्यमंत्री बन पाते। सहनी ने इसे लोकतंत्र का सबसे बड़ा हथियार बताया और कहा कि “वोट की ताकत ही असली बदलाव की कुंजी है।”
अपने संबोधन में सहनी ने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा भी उठाया और कहा कि यह अधिकार भी वोट की ताकत से ही संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी के बेहतर भविष्य के लिए यह सुनिश्चित होना चाहिए कि “जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी” लागू हो। उन्होंने संकेत दिया कि राहुल गांधी इस दिशा में जल्द ही एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।
भीड़ के बीच सहनी ने ऐलान किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 37 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को टिकट देगी। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और प्रतिनिधित्व की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया। सहनी ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी हमला बोला और कहा कि आज बिहार में थाना से लेकर प्रखंड कार्यालय तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है और जनता को उसके हक से वंचित किया जा रहा है।
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उन्होंने दावा किया कि यदि महागठबंधन की सरकार बनी तो बिहार में नई शुरुआत होगी और एक ऐसा “नया बिहार” बनेगा जहां वोट और अधिकार दोनों की रक्षा की जाएगी। सहनी के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषक महागठबंधन की सोशल इंजीनियरिंग रणनीति का अहम हिस्सा मान रहे हैं, खासकर तब जब बिहार की राजनीति में अति पिछड़ा वर्ग निर्णायक भूमिका निभा रहा है।






















