विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के प्रमुख और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने आज रोहतास जिले के डेहरी ऑन सोन में आयोजित एक जनसभा को संबोधित करते हुए वोट के अधिकार को लोकतंत्र का सबसे बड़ा अधिकार बताया। उन्होंने कहा कि यदि आज वोट का अधिकार नहीं होता तो एससी, एसटी और पिछड़े वर्गों की कोई पहचान ही नहीं होती।
सभा में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सहनी ने कहा, “आपके वोट की ताकत ही थी जिसने लालू यादव और नीतीश कुमार जैसे नेताओं को मुख्यमंत्री बनाया। यही ताकत है जिससे अति पिछड़ा और पिछड़ा समाज सत्ता के केंद्र तक पहुंचा और आज नेता जनता से डरते हैं।”
उन्होंने लोगों को सचेत करते हुए आरोप लगाया कि वोट की ताकत को कमजोर करने की साजिशें चल रही हैं। उनका सीधा निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा पर था। उन्होंने आरोप लगाया कि “प्रधानमंत्री उसी वोट को लूटने की कोशिश कर रहे हैं। चुनाव आयोग पर भरोसा है, लेकिन वह भी अब किसी के इशारे पर वोट चोरी की तैयारी कर रहा है।”
भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए वीआईपी नेता ने कहा, “आज दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग के लोगों को रोहिंग्या, मुसलमान, बांग्लादेशी बता कर उनका वोट छीना जा रहा है। अगर बांग्लादेशी बिहार में हैं, तो यह सरकार की नाकामी है। उन्हें पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।”
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मुकेश सहनी ने भाजपा पर संविधान और लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि वे जनता के हक की लड़ाई लड़ते रहेंगे। साथ ही उन्होंने हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “आज ये दोनों चुप हैं, जबकि इन्हें अपने समाज के वोट की रक्षा करनी चाहिए। लेकिन ये पीएम मोदी की गोद में बैठे हैं।”
सहनी ने कहा कि यदि वोट देने का अधिकार छिन गया, तो राशन, पेंशन, और सरकारी सुविधाएं भी लोगों को नहीं मिलेंगी। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि “अब ऐसी सरकार को उखाड़ फेंकिए जो आपके वोट की चोरी कर रही है।” सभा के दौरान पतपुरा पंचायत की मुखिया कलावती देवी, मुखिया प्रतिनिधि सरोज कुशवाहा, समाजसेवी सत्येंद्र कुशवाहा, सत्येंद्र सिंह और महावीर कुशवाहा सहित कई लोगों ने अपने समर्थकों के साथ वीआईपी की सदस्यता ग्रहण की।