मुंगेर जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां सदर प्रखंड कार्यालय ने एक ट्रैक्टर को आवासीय प्रमाण-पत्र (Domicile Certificate) जारी कर दिया। यह मामला प्रशासनिक लापरवाही की पोल खोलता नजर आ रहा है। सोनालिका ट्रैक्टर के नाम से जारी इस प्रमाण-पत्र में आवेदक का नाम “सोनालिका चौधरी” और पता “ट्रैक्टरपुर दियारा” दर्शाया गया है। इस घटना के बाद जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
मामला तब सामने आया जब किसी व्यक्ति ने लोक सेवा के अधिकार (RTI) के तहत एक ट्रैक्टर की तस्वीर और झूठे विवरण के साथ आवेदन किया। 6 जुलाई को दायर इस आवेदन में आवेदक का नाम सोनालिका चौधरी, पिता का नाम बेगूसराय चौधरी और माता का नाम बलिया देवी दर्ज किया गया। साथ ही, सोनालिका कंपनी के एक ट्रैक्टर की फोटो अपलोड की गई और पता “ट्रैक्टरपुर दियारा, डाकघर कुतलुपुर, वार्ड नंबर 17” बताया गया।
हैरानी की बात यह है कि बिना किसी जांच के, 8 जुलाई को ही सदर प्रखंड कार्यालय ने यह प्रमाण-पत्र जारी कर दिया। जब यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो प्रशासन हड़बड़ा गया।
प्रशासन ने क्या कार्रवाई की?
इस मामले के सामने आते ही सदर एसडीओ कुमार अभिषेक ने तुरंत जांच शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि प्रमाण-पत्र को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। साथ ही डेटा एंट्री ऑपरेटर से स्पष्टीकरण मांगा गया है। उस साइबर कैफे की तलाश की जा रही है, जहां से यह आवेदन किया गया था।