मालदा, पश्चिम बंगाल: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) की अध्यक्ष विजया राहतकर ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में एक आश्रय गृह में मुर्शिदाबाद हिंसा से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पीड़ित महिलाओं और बच्चों से बातचीत की, जिन्होंने हिंसा के दौरान हुई भयावह घटनाओं का जिक्र किया। राहतकर ने बताया, “मैंने कैंप में महिलाओं और बच्चों से मुलाकात की है। उन्होंने मुझे बताया कि उनके साथ क्या बीती है। इन महिलाओं को बहुत तकलीफ हुई है। उनके घर चले गए हैं और उनके साथ यौन उत्पीड़न भी हुआ है।” यह बयान उन्होंने मालदा में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया, जहां कई माइक्रोफोन्स उनके सामने थे।
सूत्रों के अनुसार, मुर्शिदाबाद में 11 और 12 अप्रैल को वक्फ संशोधन अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई और कई घायल हुए। धुलियन के मंदिरपारा क्षेत्र में कई महिलाओं के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ की घटनाएं भी सामने आईं। हिंसा के कारण सैकड़ों महिलाओं को अपने घर छोड़कर भागना पड़ा, जिनमें से कई ने भागीरथी नदी पार कर मालदा जिले में शरण ली। राष्ट्रीय महिला आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए एक जांच समिति का गठन किया है, जो हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ हुए उत्पीड़न और विस्थापन की घटनाओं की जांच कर रही है।
राहतकर ने कहा कि आयोग पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है और संबंधित अधिकारियों के साथ चर्चा कर स्थिति का जायजा लिया जाएगा। हिंसा के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने क्षेत्र में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की है और अब तक 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। यह मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, और आयोग की जांच से उम्मीद की जा रही है कि पीड़ितों को जल्द न्याय मिलेगा।