बिहार में भ्रष्टाचार (Muzaffarpur Vigilance Action) के खिलाफ चल रही सख्त मुहिम एक बार फिर जमीन पर असर दिखाती नजर आई है। मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर अंचल कार्यालय में कार्यरत नाजिर श्याम कुमार को निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई न सिर्फ प्रशासनिक महकमे में चर्चा का विषय बनी है, बल्कि आम लोगों के बीच यह संदेश भी दे रही है कि अब घूसखोरी पर कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
मामला जमीन से जुड़े एक काम का है, जिसके एवज में अंचल नाजिर द्वारा पीड़ित से अवैध रूप से 8,000 रुपये की मांग की गई थी। सरकारी दफ्तरों में लंबे समय से चल रही इस तरह की लेन-देन से परेशान पीड़ित ने सीधे पटना स्थित निगरानी विभाग का दरवाजा खटखटाया। शिकायत मिलने के बाद निगरानी टीम ने पूरे मामले का गोपनीय सत्यापन कराया, जिसमें आरोप सही पाए गए।
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सत्यापन के बाद विशेष धावादल का गठन किया गया और तय योजना के तहत शुक्रवार को कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जैसे ही पीड़ित ने तयशुदा रकम अंचल नाजिर को सौंपी, पहले से तैनात निगरानी की टीम ने मौके पर ही उसे दबोच लिया। आरोपी के पास से रिश्वत की रकम बरामद हुई, जिस पर केमिकल टेस्ट में रंग भी स्पष्ट मिला। अचानक हुई इस कार्रवाई से पूरे अंचल कार्यालय में हड़कंप मच गया और कर्मचारी सकते में आ गए।
गिरफ्तारी के बाद आरोपी को मुजफ्फरपुर स्थित सर्किट हाउस ले जाया गया, जहां उससे पूछताछ की जा रही है। निगरानी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद आरोपी को विशेष निगरानी अदालत में पेश किया जाएगा। इस केस की गंभीरता इस बात से भी समझी जा सकती है कि जमीन से जुड़े मामलों में भ्रष्टाचार को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं और यह कार्रवाई उसी कड़ी का अहम हिस्सा मानी जा रही है।






















