भारत ने एक बार फिर अपने पड़ोसी को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आतंक के खिलाफ अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने पाकिस्तान में छिपे आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए जबरदस्त कार्रवाई की है। इस विशेष ऑपरेशन में तीनों सेनाओं—थलसेना, वायुसेना और नौसेना—की संयुक्त शक्ति दिखाई दी। खास बात यह रही कि इस ऑपरेशन में महिला सैनिकों ने भी अग्रणी भूमिका निभाई, जिससे ‘नारी शक्ति’ का असाधारण उदाहरण सामने आया।
भारत ने यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की है, जिसमें भारतीय सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है, जबकि 9 से अधिक आतंकी अड्डों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिखी महिला शक्ति की झलक
आज दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में विंग कमांडर व्योमिका और कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि महिला अधिकारियों को इस ऑपरेशन में केवल समर्थन नहीं बल्कि प्रमुख मोर्चों पर तैनात किया गया था। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी सैन्य कार्रवाई में महिला सैनिकों ने इस स्तर की सहभागिता निभाई।
विदेश सचिव का सख्त बयान
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस को बताया कि “भारत ने आज सुबह अपने आत्मरक्षा के अधिकार का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क पर निर्णायक हमला किया है। इसका मकसद सीमापार से भेजे जाने वाले आतंकियों की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ना और भारत की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।”
ऑपरेशन सिंदूर क्यों है ऐतिहासिक?
- यह पहली बार है जब महिला अधिकारियों ने बड़े सैन्य ऑपरेशन में अग्रिम भूमिका निभाई।
- तीनों सेनाओं की संयुक्त रणनीति और क्रियान्वयन।
- सीमापार सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर हमला।
- आतंकवाद के खिलाफ भारत की बदलती नीति और आक्रामक रणनीति का प्रतीक।