Nagpur Factory Accident: महाराष्ट्र के नागपुर से शुक्रवार को आई एक दर्दनाक खबर ने न सिर्फ बिहार बल्कि पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. औद्योगिक विकास और हरित ऊर्जा के नाम पर स्थापित सोलर पैनल फैक्ट्री में हुए भीषण हादसे ने यह सवाल फिर खड़ा कर दिया है कि क्या मजदूरों की जान आज भी सबसे सस्ती मानी जाती है. नागपुर–चंद्रपुर राजमार्ग के पास बुटीबोरी MIDC क्षेत्र में स्थित अवादा इलेक्ट्रो प्राइवेट लिमिटेड की फैक्ट्री में सुबह करीब 9:30 बजे हुए धमाके में बिहार के छह प्रवासी मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नौ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
प्रत्यक्षदर्शियों और शुरुआती जांच के मुताबिक हादसा उस समय हुआ जब फैक्ट्री परिसर में बनी एक विशाल एल्युमिनियम पानी की टंकी की टेस्टिंग की जा रही थी. रामा बांध से लाए गए पानी को अत्यधिक दबाव के साथ टंकी में भरा जा रहा था. अचानक तेज धमाके के साथ टंकी फट गई और उसका पूरा ढांचा पानी के सैलाब के साथ नीचे गिर पड़ा. आसपास काम कर रहे मजदूरों को संभलने का मौका तक नहीं मिला और वे मलबे व पानी की चपेट में आ गए.
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इस हादसे ने कई परिवारों की खुशियां हमेशा के लिए छीन लीं. मरने वाले सभी मजदूर बिहार के अलग-अलग जिलों से रोजगार की तलाश में महाराष्ट्र गए थे. पश्चिम चंपारण के अरविंद ठाकुर और इंद्रजीत शाह, पहाड़पुर के अशोक पटेल, मुजफ्फरपुर के अजय पासवान, सुधांशु कुमार साहनी और शमीम अंसारी की मौत ने यह साफ कर दिया कि औद्योगिक हादसों का सबसे बड़ा बोझ प्रवासी मजदूर ही उठाते हैं. मुजफ्फरपुर के करजा थाना क्षेत्र के गबसरा गांव के सुधांशु कुमार और अजय कुमार की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि उसी गांव के प्रकाश कुमार गंभीर रूप से घायल हैं और अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.
हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया गया. मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकालकर नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया. पुलिस की प्राथमिक जांच में टंकी निर्माण में तकनीकी खामी या घटिया सामग्री के इस्तेमाल की आशंका जताई जा रही है. यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या फैक्ट्री प्रबंधन ने सुरक्षा मानकों और टेस्टिंग प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया था या नहीं.
हादसे के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए प्रत्येक मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की. उन्होंने घायलों के बेहतर इलाज और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना भी की है.
















