नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम एक संदेश मे में भारत की आतंकवाद के खिलाफ ‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति पर जोर दिया, इसे एक बेहतर दुनिया की गारंटी बताया। मोदी सरकार की यह नीति राष्ट्रीय सुरक्षा के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसे विभिन्न आधिकारिक बयानों और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्पष्ट किया गया है।
2024 के ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के अनुसार, दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में आतंकवाद का प्रभाव काफी रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि आतंकवादी घटनाओं की संख्या में 22% की कमी आई है, लेकिन इनकी घातकता में 22% की वृद्धि हुई है, जो 2017 के बाद का सबसे उच्च स्तर है।
‘शून्य सहिष्णुता’ की नीति आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग और घरेलू उपायों द्वारा समर्थित है। भारत ने अक्टूबर में इंटरपोल की वार्षिक महासभा और संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद निरोधक समिति के विशेष सत्र की मेजबानी करके आतंकवाद के वित्तपोषण और विचारधारात्मक पहलुओं से निपटने के लिए वैश्विक प्रयासों को मजबूत किया है।
प्रधानमंत्री मोदी के बयान से यह स्पष्ट है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ संकल्पित है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह नीति न केवल भारत की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है।