प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज गुरुवार को कहा कि देश की एकता को लेकर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है। उनकी यह टिप्पणी रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर दिल्ली के जहांगीरपुरी सहित देश भर से सांप्रदायिक घटनाओं की एक श्रृंखला के बीच आई है। गौरतलब है कि सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बीच विपक्ष पीएम की चुप्पी पर सवाल कर रहा था।
भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण
पीएम ने आज कहा कि हम देश की अखंडता और एकता से कोई समझौता नहीं कर सकते हैं। मोदी 15वें सिविल सेवा दिवस के अवसर पर एक समारोह में बोल रहे थे। जहां देश भर के नौकरशाह उनकी बात सुन रहे थें। मोदी ने कहा कि भारत आजादी के 75वें साल से 2047 में आजादी के 100 साल की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण होनी चाहिए।
सिविल सेवकों की जिम्मेदारी पर जोर दिया
पीएम ने देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए सिविल सेवकों की जिम्मेदारी पर जोर दिया। मोदी ने कहा कि हम उस पर कोई समझौता नहीं कर सकते। जब भी हम स्थानीय स्तर पर कोई भी निर्णय लेते हैं, चाहे वह लोकलुभावन और आकर्षक क्यों न हो, उसे तौलना चाहिए कि क्या एक छोटे से गाँव में यह निर्णय एकता में बाधक साबित तो नहीं होगा।
पीएम मोदी ने तीन लक्ष्यों को भी सूचीबद्ध किया
प्रधानमंत्री ने नौकरशाहों के लिए तीन लक्ष्यों को भी सूचीबद्ध किया उन्होंने कहा कि आज सिविल सेवा दिवस पर मैं तीन लक्ष्यों पर जोर देना चाहूंगा। पहला, देश के प्रत्येक नागरिक के लिए जीवन की सुगमता लाना। दूसरा, हमें नए शासन का मसौदा तैयार करना है। भारत को दुनिया का सबसे अच्छा देश बनाने के लक्ष्य के साथ मॉडल। तीसरा, ‘राष्ट्र पहले’ के मंत्र के साथ राष्ट्र की सद्भाव और अखंडता बनाए रखें। हमारे सभी प्रयासों को एक चीज से जोड़ा जाना चाहिए राष्ट्र पहले, भारत पहले।
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