दिल्ली की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला, जब आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पूर्व एल्डरमैन कुलदीप मित्तल मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। कुलदीप मित्तल 2022 में आप के टिकट पर पार्षद का चुनाव लड़ चुके हैं और अरविंद केजरीवाल के शराब घोटाले में जमानतदार भी रहे हैं।
कुलदीप मित्तल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अरविंद केजरीवाल की जमानत के लिए अपनी ओर से 10 लाख रुपए का बॉन्ड भरा था। मित्तल के अनुसार, पार्टी के कहने पर उन्होंने यह कदम उठाया था और इसके बदले टिकट का इशारा भी दिया गया था। हालांकि, उनका कहना है कि पार्टी ने वादों को पूरा नहीं किया और अब वह भ्रष्टाचार में लिप्त हो गई है।
एक दिन पहले आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने वाले कुलदीप मित्तल ने संगठन महामंत्री संदीप पाठक को लिखे अपने पत्र में पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने लिखा कि पुराने और जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी की जा रही है। पार्टी जिन बुनियादी मुद्दों के लिए बनी थी, उनसे भटक चुकी है।
मित्तल ने आप पर जनता से झूठे वादे करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए कहा कि “आज पार्टी का एकमात्र एजेंडा झूठ बोलकर और भ्रष्टाचार के सहारे सत्ता में बने रहना है। यह सब देखकर मैं बेहद निराश हूं और मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।”
भाजपा में शामिल होने के बाद कुलदीप मित्तल ने कहा कि “आम आदमी पार्टी अब भ्रष्टाचार में पूरी तरह डूब चुकी है। पार्टी के नेताओं पर खुद उनके कार्यकर्ताओं का भरोसा खत्म हो गया है। जो पार्टी जनता के हित के लिए बनी थी, वह अब सत्ता और पैसे की राजनीति कर रही है।”
भाजपा के वरिष्ठ नेता विजेंद्र गुप्ता ने कुलदीप मित्तल का पार्टी में स्वागत करते हुए कहा कि “यह दिखाता है कि आम आदमी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता खुद पार्टी की कार्यप्रणाली से निराश हो चुके हैं। यहां तक कि अरविंद केजरीवाल की जमानत देने वाले भी अब उन पर विश्वास नहीं कर रहे।” कुलदीप मित्तल का भाजपा में शामिल होना आप के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। यह घटनाक्रम न केवल पार्टी की अंदरूनी खींचतान को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ रहा है।